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देवास के नेमावर तीर्थ में 35 परिवारों के 190 लोगो ने पुन: अपनाया “हिन्दू धर्म”, पूर्वज हो गए थे मुस्लिम, किंतु कुलदेवी चामुंडा ही थी

देवास के नेमावर तीर्थ में 35 परिवारों के 190 लोगो ने पुन: अपनाया “हिन्दू धर्म”, पूर्वज हो गए थे मुस्लिम, किंतु कुलदेवी चामुंडा ही थी

पूर्वज परिस्थितिवश मुस्लिम हो गए थे, लेकिन हमारे रक्त में हिन्दू संस्कार ही प्रभावित हो रहे थे – मोहम्मद शाह

देवास/नेमावर/विजेंद्र उपाध्याय नर्मदा के तट पर बसे नेमावर में सोमवार सुबह पास के एक गांव के 35 परिवारों के 190 लोगो ने पुन: हिंदू धर्म में वापसी की है। ये लोग घुमंतु समाज से संबंधित है। नर्मदा के तट पर बसे नेमावर में आज सुबह पास के एक गांव के 35 परिवारों के 190 लोगो ने पुन: हिंदू धर्म में वापसी की है। ये लोग घुमंतु समाज से संबंधित है।
इन परिवारों के पूर्वज पूर्व में किसी कारण से मुस्लिम हो गए थे, किंतु फिर भी वे कुलदेवी चामुंडा का पूजन करतें थे, विवाह की पद्धति भी हिंदू परिवारों की ही तरह रहती थी।

अपने घर वापसी पर अनुभव साझा करतें हुए रामसिंह (पूर्व में मोहम्मद शाह) ने कहा कि हमारे पूर्वज भले ही परिस्थितिवश मुस्लिम हो गए थे पर हमारे रक्त में हिंदू संस्कार ही प्रवाहित हो रहें हैं आज अपने स्वधर्म में वापसी से हमें अत्यंत हर्ष है।

संतो के सानिध्य में विधिविधान से हुई स्वधर्म में वापसी

35 परिवारों के लगभग 190 लोगो के स्वधर्म वापसी के समय नेमावर के संत श्री रामस्वरूप दास जी शास्त्री और रतलाम के संत श्री आनंद गिरि जी महाराज उपस्थित रहें, कार्यक्रम के दौरान मुंडन, नर्मदा स्नान,यज्ञोपवीत कार्यक्रम तथा हवन संपन्न हुआ।
सभी लोग स्वधर्म में वापसी पर आह्लादित दिखें, इनमें लगभग 55 पुरुष, 50 महिलाए और शेष बच्चे सम्मिलित है.

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