कुछ दिनों पहले चीन की चाइनीज मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक सेफ्टी (Chinese ministry of public safety) ने भारत (India) के खिलाफ एक रेसिस्ट (racist) एड (ad) जारी किया, जिसमे उन्होंने अपनी पब्लिक को रोड सेफ्टी सीखने के लिए एक काले मुंह और सिख पगड़ी पहने इंडियन को बताया और हमारा बहुत ही पुराना मशहूर गाना “तुनक तुनक तुन तुन“ का मजाक भी उड़ाया।
और इसी साल भारत और चाइनीज आबादी को कंपेयर करते हुए, जर्मनी (germany) ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला। और फिर इसके बाद तो वार (war) हिडेन Ukraine की डिफेंस मिनिस्ट्री ने भी war को छोर कर अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से मां काली का एक बेहद बुरा फोटो डाला।
अकेले भारत (India) के खिलाफ कुछ महीनो में ही क्यू एक के बाद एक तीन अलग अलग देशों से इसी पोस्ट और पोस्टर पब्लिश होना आखिर इन सबका क्या मतलब बनता है, पर शायद ये एक भारत के खिलाफ इन्फॉर्मेशन वारफेयर (information warfare) हो सकता है ??
ऐसा पहले भी कई देशों के साथ हुआ है, और आज मृदुभाषी इस खबर में आपको बताएगा की हमे इन देशों से क्या सिख लेनी चाहिए और कैसे ये इन्फॉर्मेशन वारफेयर होता है !!!
30th अप्रैल 2023 में जब यूक्रेनियन डिफेंस मिनिस्ट्री (Ukrainian Defence Ministry) ने हमारी हिंदू माता काली देवी का अपातजन्निक फोटो डाला। तब इस फोटो में उन्होंने बॉम्ब ब्लास्ट (bomb blast) की फोटो को नया बनाकर फेमस अमेरिकन एक्ट्रेस Marilyn Monroe की उड़ती हुई स्कर्ट के पोज में हमारी काली माता को इसमें दिखाया था। इसको यूक्रेनियन डिफेंस मिनिस्ट्री (Ukrainian Defence Ministry) ने मामूली बात बोले “work of art” कह कर टाल दिया, लेकिन ये तो गलत है जब आपके यह कोई भरी मात्रा में नुकसान दायक लड़ाई चल रही हो और आप यहां India के खिलाफ यह शर्मनाक फोटो पोस्ट कर रहे है।
इसका मतलब यह है की साफ साफ यूक्रेन भारत को ले कर एक पॉलिटिकल संदेश बताना चाहता है, यह संदेश की यूक्रेन का कंस्ट्रक्शन असल में काफी बेशर्मी के साथ भारत की राइट विंग गर्वनमेंट कर रही है। यह क्यूंकि उन्हे लगता है की हम russian oil खरीद कर उनके दुश्मन को फंडिंग कर रहे है, इसे इन्फॉर्मेशन वारफेयर (information warfare) कहा जाता है।
क्या ये फोटो कार्टून भारत (India) के खिलाफ 5th generation इन्फॉर्मेशन वारफेयर (information warfare) के शुरू होने का एक निशान है। क्योंकि इन जैसी घटनाएं पहले भी कई देश कर चुके है।
ये कुछ फोटो देखिए जोकि The Hindu, Cartoon Movement, The New York Times के द्वारा पब्लिश किया गया था –
इन सभी का पैटर्न एक जैसा ही है, ये कार्टून सीधे या उल्टे तरीको से सिर्फ ये बताने की कोशिश कर रहे है की भारत (India) तो सिर्फ एक भूखे गरीबों का देश है। ऐसा तभी होता है जब कोई देश दूसरे देश के खिलाफ घृणा की भावना रखता है तभी वो वही भावना को व्यक्त करने के लिए यह कार्टूंस बनाता है और यह सबसे आसान तरीका होता है किसी देश के खिलाफ घृणा जताने का, जिससे काम भी हो जाए और सवाल किसके उपर खड़े भी नही हो पाए। लेकिन मृदुभाषी के हिसाब से यह बिल्कुल गलत तरीका है किसी देश को नीचा दिखाने का।
लेकिन मृदुभाषी को एक आशंका थी की ये विकसित देशों को डेवलपिंग देश भारत (India) को नीचा दिखाने में क्या मिलता होगा। परंतु यह देखिए –
international monetary fund के अनुसार टॉप सबसे तेज़ बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों की लिस्ट में ये तीनों देश germany, ukrain, china टॉप 50 में भी नही आते इसके वावजूद भारत (India) 8th पोजिशन पर आता है। लेकिन सिर्फ भारत (India) को ही क्यू ये देश निशाना साध रहे है?? क्योंकि भारत (India) इकलौता है जोकि आर्थिक रूप से बड़ा और बहुत तेज बढ़ रहा दोनो साथ साथ हो रहा है, लेकिन सवाल ये है की India जैसे ताकतवर देश से आगे कैसे निकले ?
दो साधन है –
- या तो खुद भारत (India) जैसे ताकतवर देश से आगे बढ़ो।
- या तो भारत को ही पीछे खींच लो।
पर यह सच है की आई के केस में दूसरा रास्ता ज्यादा आसान है। क्युकी भारत अभी भी एक डेवलपिंग देश है और विकासशील देशों की सबसे बड़ी समस्या ही यही होती है कि उनमें कई सारे धार्मिक (religious), सरकारी (Governmental), सामाजिक (Social), वित्तीय (Financial) दोष रेखाएँ पिन करके आसानी से इनके जरिए देश का शोषण किया जा सकता है।
इस फोटो में भारत (India) को एक आलसी हाथी की तरह दिखाया गया है, जोकि एक पटरी के बीच में बैठा हुआ है, और उसकी वजह से पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट (Paris Climate Agreement) के किसी भी मीटिंग या summit में बाकी सबसे तेज़ काम करने वाले विकसित देश ने पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य तक पहुंच नही पा रहे है भारत की वजह से, अब इसमें सबसे रोचनात्मक बात यह है की भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है,
जिसने पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट (Paris Climate Agreement) का पहला लक्ष्य हासिल भी कर लिया है, जबकि The New york Times जिस देश से संबंध रखता है जो की U.S.A हैं वह खुद 1959 से लगातार सबसे बड़ा कार्बन प्रदूषक बना बैठा है। अभी थोड़े दिन पहले ही ट्रंप के अंडर उसने पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट (Paris Climate Agreement) से ऑफिशियल अपना हाथ पीछे खींच लिया है।
इससे पता चलता है की जो दूसरे देश होते है वो अपने आप को बचाने के लिए दूसरे देश पर उंगली उठा देते है, वो बाकी देशों का केंद्र अपने देश से हटा कर उस देश पर लगा देते है। जैसे की COVID के दौरान चीन (China) ने किया था, चीन ने सुप्रसिद्ध इटालियन चित्रकार लियोनार्डो दा विंजी (Leonardo da Vinci) की प्रसिद्ध The Last Supper चित्र की पैरोडी बनाते हुए कुछ उससे मिलते जुलते कार्टून डाले।
इसमें उसने सभी G-7 देश जैसे की Canada, Germany, France, italy, japan, U.K, और U.S को उन देशों में आम तौर पर पाए जाने वाले जानवरों से बताया। ये देश सिर्फ खुद की आबादी को दूसरे देश के लोगो की महानता को कम करने के लिए बताया जाता है।
इन सभी बातों से हमे अब तक थी पता चलता है की नकी सिर्फ बाकी देश भारत (India) के लिए बास ये कार्टून वाले फोटो बना कर भारत (India) को नीचा दिखाना चाहते है बल्कि इसके पीछे बोहोत सारी चीज़े छुपी हुई है और एक मकसद भी छुपा हुआ है। कोई भारत (India) को खेल जैसे इस्तेमाल कर रहा था तो कोई उसे दुनिया का ध्यान अपनी कमियों पर से भटकाने के लिए कर रहा, तो कोई उसे यूज कर रहा था अपने खुद के लोगों का मनोबल बड़ाने के लिए।
इन चीज़ों से भारत (India) चुप नही बैठा उसने भी The Times of India और India today के जरिए उन्ही के स्टाइल में उन्ही के जैसे अपने कार्टून बनाए |