बिहार: बिहार के बांका जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां 26 साल पुराने एक मामले में बरी होने के तुरंत बाद एक बुजुर्ग की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मृतक की पहचान जिले के बेलहर थाना अंतर्गत झुंका गांव निवासी 76 साल के नागो सिंह के रूप में हुई है. नागो सिंह पर चार अन्य लोगों के साथ 1996 में फसल नष्ट करने का मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट का फैसला बुधवार शाम को आया.
उनके वकील देवेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा, ‘नागो सिंह जमानत पर थे और उनका मानना था कि वो निर्दोष थे और उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया था. जब कोर्ट का फैसला उनके और अन्य आरोपियों के पक्ष में आया, तो वह सभी राहत महसूस कर रहे थे. लेकिन नागो सिंह अपने बरी होने की खबर सुनकर जमीन पर गिर पड़े. उनके परिवार वाले उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.’ उन्होंने कहा, ‘कोर्ट ने सबूत के अभाव में नागो सिंह और अन्य को बरी कर दिया. मृतक के परिजनों ने कहा कि नागो सिंह के लिए यह ‘न्याय में देरी’ का मामला है. परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘उन्होंने हमेशा कहा कि वह निर्दोष हैं, फिर भी उन्हें जेल में डाल दिया गया. उन्होंने बेगुनाही साबित करने के लिए 26 साल तक यह केस लड़ा और आखिरकार कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया.’
इस मामले की सुनवाई एडिशनल जस्टिस पीयूष कुमार की कोर्ट में हुई, जिन्होंने सभी आरोपी व्यक्तियों को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. अंतिम सुनवाई के बाद कुमार ने इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया.