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आज होंगे दिन और रात बराबर जानें इस से जुड़ी जानकारी

उज्जैन। काल गणना की दृष्टि से पूरे विश्व में उज्जैन का खास महत्व है। यहां लगे प्राचीन यंत्रों के माध्यम से ग्रहों की चाल, सूर्य और चंद्र ग्रहण और सूर्य की चाल से समय की गणना की जाती है। हर साल आज ही के दिन यानी 23 सितंबर को दिन व रात बराबर होते हैं।

दरअसल, आज से सूर्य उत्तर से दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश कर जाएगा और फिर दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगेंगी। आज के दिन नवग्रहों में प्रमुख ग्रह सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत रहता है। इसे शरद संपात कहते हैं।

उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटे और रातें बड़ी होने लगेंगी। ऐसा 22 दिसंबर तक चलेगा। बताया जाता है कि जयपुर के महाराज सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने देश के 5 शहरों में वेधशालाओं का निर्माण कराया। उज्जैन की वेधशाला 1719 को बनाई गई। यह सभी में प्रमुख है। इन वेधशालाओं में राजा जयसिंह ने 8 साल तक ग्रह-नक्षत्रों के वेध लेकर ज्योतिष गणित के कई प्रमुख यंत्रों में संशोधन किया। मुख्यतः ईंटों और पत्‍थर से निर्मित वेधशाला की इमारतें और यंत्र आज भी जीवंत हैं। इस यंत्र के बीच की सीढ़ी की दीवारों की ऊपरी सतह पृथ्वी के अक्ष के समानान्तर होने के कारण दीवारों के ऊपरी धरातल की सीध में रात्रि को ध्रुवतारा दिखाई देता है । इससे हम सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक का उज्जैन का 20 सेकंड तक स्थानीय सही समय पता कर सकते हैं।

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