नई दिल्ली। यमन कोर्ट ने एक भारतीय महिला को मौत की सजा सुनाई है। महिला का नाम निमिषा प्रिया है। अब प्रिया ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में प्रिया ने पीड़ित परिवार के साथ बातचीत की सुविधा देने और यमन कानून के मुताबिक खून की कीमत देकर प्रिया को मौत की सजा से बचाए जाने की मांग की। यमन कोर्ट ने प्रिया को हत्या का दोषी ठहराया है।
निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल बचाओ संगठन के चेयरमैन ने इस याचिका को हाईकोर्ट के वकील सुभाष चंद्रन केआर को भेजा। इस संगठन को अनिवासी केरलवासियों के एक समूह की ओर से गठित किया गया है, जो विभिन्न देशों में और भारत के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहा है। संगठन निमिषा को न्याय दिलाने और डोनेशन के जरिए फंड इकट्ठा करने में मदद करेगा, अगर पीड़ित का परिवार उसे क्षमा करने के लिए मान जाता है।
कोर्ट ने प्रिया की अपील खारिज की
प्रिया ने यमन के होम मिनिस्ट्री और यमन में भारतीय दूतावास से भी गुहार लगाई गई है। 7 मार्च 2022 को यमन की एक अदालत ने निमिषा की उस अपील को खरीज कर दिया, जिसे 2017 में तलाल अब्दो महदी की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। प्रिया ने महदी पर आरोप लगाया था कि उसने प्रिया के साथ मारपीट, गाली-गलौज और सेक्सयुली एव्यूज किया। उसके पासपोर्ट जब्त कर लिया और उसे नशीला इजेक्शन लगाया।