इंदौर। साफ-सफाई की आदतों और अच्छी खासी हरियाली के बावजूद पिछले कई सालों से प्रदूषण 100 एक्यूआई पर था । लेकिन लॉकडाउन ने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया 10 सालों में जो नहीं हुआ। वह अब हो चुका है। इंदौर का प्रदूषण लगातार कम मापा जा रहा है।
इंदौर की हवा इतनी साफ होना हमारे जागरूक होने का ही नतीजा है ।
वैसे 100 एक्यूआई का मतलब भी यही है कि हमारा पर्यावरण हमेशा सुरक्षित स्तर पर रहा है। इसमें सफाई की हमारी आदतें, हरियाली, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन आदि का योगदान महत्वपूर्ण माना जा सकता हैं। लेकिन प्रदूषण विभाग के अफसरों के मुताबिक 2010 से एक्यूआई के जरिये प्रदूषण का स्तर मापना शुरू हुआ था। उसके बाद से ऐसा पहली बार हुआ। जब प्रदूषण का स्तर इतना नीचे पहुंचा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. दिलीप वाघेला के मुताबिक इंदौर की हवा इतनी साफ होना हमारे जागरूक होने का ही नतीजा है। हम ऐसे ही जागरूक रहे तो हवा साफ बनी रहेगी। वहीं अनलॉक के बाद भी लगातार प्रदूषण का स्तर कम नजर आ हैं ।
10 सालों में पहली बार प्रदूषण का स्तर निचे गिरा
हालांकि डॉ दिलीप वाघेला ने साफ तौर पर यह भी कहा कि यह पिछले 10 वर्षों में पहली बार प्रदूषण का स्तर इतना नीचे आया है। हालांकि वैज्ञानिक सोच रहे थे की लॉकडाउन अनलॉक होते ही जैसे-जैसे सड़कों पर आवाजाही तेज होगी प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा लेकिन अनलॉक होने के बावजूद भी प्रदूषण का स्तर अत्यधिक नहीं बढ़ने से शहर की जनता के लिए यह बेहद खुशी की बात है।