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ToggleAyodhya Ram Mandir Pran Pratishta: श्रीराम के भक्तों के लिए खुशखबरी है। अयोध्या में राम मंदिर(Ram Mandir) में रामलला के विराजने की तारीख और शुभ मुहूर्त निर्धारित हो चुका है। रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे। रामलला की स्थापना 22 जनवरी को होगी।
वाराणसी के ज्योतिषियों ने शुभ मुहूर्त तय किया है। राम मंदिर(Ram Mandir) ट्रस्ट द्वारा रामलला की स्थापना की तैयारी शुरू की गई है। भवन निर्माण समिति, विश्व हिंदू परिषद और प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव समिति की बैठकें जारी हैं। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी खुद कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
25 जनवरी तक का मुहूर्त सबसे शुभ
मकर संक्रांति पर 25 जनवरी तक का मुहूर्त सबसे शुभ है। पंडितों ने उन दिनों में 3 शुभ मुहूर्त बताए हैं। 22 जनवरी को पुष्प नक्षत्र के साथ अभिजीत मुहूर्त है। ऐसे में 22 जनवरी का दिन रामलला की स्थापना के लिए बेहद शुभ है। इस दिन सुबह साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के बीच रामलला स्थापित किए जाएंगे।
पीएम मोदी बनेंगे यजमान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यजमान के रूप में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। 2 मूर्तियां स्थापित होंगी। एक मूर्ति स्थायी रूप से गर्भगृह में विराजमान रहेगी। दूसरी चलायमान होगी। इसे विशेष अवसरों पर मंदिर से बाहर लाया जा सकेगा। तय प्रोग्राम के मुताबिक 16 जनवरी से रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह शुरू होगा। मूर्तियों की स्थापना 100 से अधिक विद्वान कराएंगे। अयोध्या में रामलला मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। मंदिर(Ram Mandir) निर्माण में 900 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसके बाद भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक खातों में 3000 करोड़ रुपए हैं। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की जानकारी दी।
मंदिर(Ram Mandir) निर्माण में अब तक 900 करोड़ रुपए खर्च
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर(Ram Mandir) निर्माण पर 5 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक 900 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ देश भर के 10 हजार लोगों को न्योता दिया गया है। श्रद्धालुओं को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीरें दी जाएंगी।
8.5 फीट ऊंची होगी अचल मूर्ति की
अचल मूर्ति की 8.5 फीट ऊंची होगी। बालक होने के बाद भी धनुष रामलला की पहचान है। मूर्ति में रामलला का धनुष, तीर व मुकुट बनाकर अलग से लगेगा। ज्ञानिक के मत के आधार पर मूर्ति की ऊंचाई तय की गई है। हर रामनवमी पर रामलला के मुख पर सूर्य की किरणें पड़ सकें, इसे लेकर वैज्ञानिकों के सुझाव पर ही मूर्ति की कुल ऊंचाई 8.5 फीट तय हुई है।
राम मंदिर(Ram Mandir) के प्रथम तक का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। 3500 मजदूर तीन शिफ्टों में राममंदिर में काम कर रहे। मंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने कहा कि स्ट्रक्चर की दृष्टि से प्रथम तल का निर्माण 70 फीसदी हो चुका है। 15 नवंबर तक प्रथम तल पूर्ण कर द्वितीय तल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।