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ToggleRam Mandir Update: अयोध्या स्थित राम मंदिर(Ram Mandir) में रामलला के दर्शन का इंतजार जल्द खत्म होने वाला है। मंदिर(Ram Mandir) का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इसकी ताजा तस्वीरें देखकर मंदिर पहुंचने को लेकर आपकी उत्सुकता और बढ़ जाएगी। श्री राम(Ram Mandir) जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण कार्य से जुड़ी तस्वीरों पोस्ट की हैं। इन तस्वीरों को देखकर राम भक्त मंदिर निर्माण में लगे कलाकारों की खूब तारीफें कर रहे हैं।
मंदिर ट्रस्ट द्वारा जारी तस्वीरों में राम मंदिर(Ram Mandir) के सिंह द्वार, नृत्य मंडप और फर्श दिखाया गया है। तस्वीरों में सिंह द्वार की तस्वीर और नृत्य मंडप के फर्श पर की नक्काशी की सुंदर तस्वीरें शामिल हैं। तस्वीरों को देखकर राम मंदिर(Ram Mandir) की भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है। तीन साल से चल रहे राम मंदिर निर्माण के कार्य प्रगति को लेकर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सोशल मीडिया के जरिए राम भक्तों को मंदिर निर्माण से जुड़े अपडेट्स देता रहता है।
मशीनों से सजाया जा रहा नृत्य मंडप का फर्श
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा जारी तस्वीरों में मंदिर के सिंह द्वार और नृत्य मंडप दिखाया गया है। मंदिर(Ram Mandir) निर्माण में लगे कारीगर मशीनों के जरिए नृत्य मंडप के फर्श को सजाने में लगे हैं। नृत्य मंडप के फर्श पर हो रही नक्काशी को देखकर श्रद्धालु राम मंदिर की भव्यता को आंक रहे हैं। बता दें जनवरी में भगवान श्री राम के नवनिर्मित मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसे लेकर मंदिर निर्माण की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है।
दिसंबर अंत तक पूरा होगा भूतल निर्माण
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के कई चरण में चल रहीं हैं। मंदिर में रामलला पांच वर्ष के रूप में होंगे। रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह की तैयारी का दूसरा चरण है कि गर्भगृह पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जिसमें रामलला विराजमान होंगे। रामलला के विराजमान होने के बाद मंदिर के आगे का निर्माण जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि तीन मंजिला राम मंदिर के भूतल का निर्माण दिसंबर अंत तक पूरा हो जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगी। 15 जनवरी से 24 जनवरी को अनुष्ठान होगा। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या पहुंचेंगे।
सोने के सिंहासन पर विराजमान होंगे राम
मंदिर समिति के मुताबिक गर्भगृह में भगवान राम का सोने का आसन होगा। दरबार के दरवाजे पर भी भक्तों द्वारा सोने की पत्ती चढ़वाने की गुजारिश की जा रही। मंदिर के आसपास की पूरी तस्वीर बदली जा रही है। श्रद्धालु सरयू नदी में क्रूज पर सवार होकर अयोध्या का दर्शन कर सकेंगे। दुबई में बनाए गए विशेष क्रूज सरयू नदी में संचालित किए जाएंगे। इस क्रूज का नाम जटायु रखा गया है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पुष्पक और गरुण भी सरयू नदी में दिखेंगे।
मंदिर के 12 द्वार, 392 पिलर
मंदिर में 392 पिलर रहेंगे। गर्भगृह में 160 और ऊपरी तल पर 132 पिलर होंगे। मंदिर में 12 द्वार रहेंगे। इन्हें सागौन की लकड़ी से बनाया जा रहा। प्राण-प्रतिष्ठा के बाद हर दिन डेढ़ लाख श्रद्धालु यहां दर्शन करने पहुंचेंगे। हर श्रद्धालु को दर्शन के लिए 15-20 सेकंड मिलेंगे।
हजार साल भी मंदिर दिखेगा भव्य
महाराष्ट्र के चंद्रपुर से मंगाई लकड़ी से मंदिर के 42 दरवाजे बनाए जा रहे हैं। ये लकड़ियां खास हैं, क्योंकि इसमें 600 साल तक दीमक नहीं लग सकेगी। मंदिर को 1000 साल के लिहाज से बनाया जा रहा। मंदिर की खिड़की और दरवाजों में चंद्रपुर की सागौन लकड़ी लगाई जा रही है। सागौन की लकड़ी की उमं 1000 साल होती है। वहीं, पत्थरों की आयु 1000 साल से अधिक होती है।
3 हजार मजदूर काम कर रहे
राम मंदिर का गर्भगृह बन गया है। 3 हजार मजदूर दिन-रात मंदिर को आकार देने में जुटे हैं। मंदिर समिति का कहना है निर्माण में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का प्रयोग किया गया है। राजस्थान से नक्काशीदार पत्थर लाकर लाए जा रहे हैं।