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देखिये पत्रकारिता की असली ताकत, डीएसपी के उड़ा दिए होश

पत्रकारों के सवाल

छतरपुर. वर्दी, प्रशासनिक पद और औहदे। इन्हे देखते ही व्यक्ति के अंदर सम्मान की लहर दौड़ने लगती है, लेकिन जब इस सम्मानीय वर्दी का इस्तेमाल भ्रष्टाचार करने के लिए किया जाए। और प्रशासनिक पद पर बैठे लोग इनका बचाव और समर्थन करने लगे, तो यही ओहदे सामाजिक चिंता और अवहेलना का विषय बन जाते है। ऐसे समय पत्रकारिता को अपनी आवाज़ बुलंद करनी पड़ती है, देखिये पत्रकारिता की ताकत बयान करती यह रिपोर्ट।

सड़कों पर बिछे बेरिकेट्स और मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस का यह दृश्य मध्य प्रदेश के सागर रोड के बगौता तिगड्ढे के पास का है। जहाँ पर ट्रक ड्राइवरों ने आरोप लगाया है की उनसे एंट्री के लिए 300 से 500 रूपये वसूले जा रहे है। मौके पर ट्रैफिक प्रभारी की गाड़ी अपनी धोस जमाती हुई, पूरी शान से खड़ी रहती है, लेकिन ट्रैफिक प्रभारी मिस्टर इंडिया बन मौके से कही ग़ायब नज़र आते है। आइये आपको यह सुनाते है कि भ्रष्टाचार से सजी यह वसूली कैसे काम कर रही है।

यह कहानी का एक पहलु है, जिसमें ट्रक ड्राईवर ने प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए है। जब इन आरोपों को लेकर पत्रकारों की टीम छतरपुर डीएसपी शशांक जैन के पास पहुंची, तो शशांक जैन पत्रकारों के सवालों से बचते नज़र आए और लगातार पत्रकारों से पल्ला झड़ते हुए दिखे। आइये आप भी सुनिए छतरपुर डीएसपी की पत्रकारों के साथ वह चर्चा जिसमे वह जवाब कम और हिचकिचाते ज़्यादा नज़र आए। यह थे छतरपुर डीएसपी जिन्होंने कहा है की मामले की जाँच की जाएगी, प्रशासनिक अधिकारियों के नाक के नीचे इस तरह का भ्रष्टाचार होना काफी गंभीर सवाल खडे करता है।