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रुक्मणी विवाह प्रसंग सदियों तक स्त्री स्वातंत्र्य के उदाहरण – पं. सुभम दुबे

रुक्मणी विवाह प्रसंग सदियों तक स्त्री स्वातंत्र्य के उदाहरण- पं सुभम दुबे

राजेंद्र सेंगर/बागली। श्रीकृष्ण सौपान का एक उत्कृष्ट स्तर स्त्री रत्न रुक्मणी का भगवान् श्री कृष्ण की जीवन यात्रा में सम्मिलित होना विधि का एक ऐसा विधान है, जिसमें भगवान अपने उन भक्तों का संरक्षण करते नजर आते हैं जो उनका नाम जपा करते हैं और जिन्होंने अपनी जीवन नौका भी स्वयं भगवान के श्रीचरणों में अर्पित की होती है। रुक्मणी विवाह प्रसंग सदियों तक स्त्री स्वातंत्र्य के उदाहरण के रूप बना रहेगा। उक्त विचार मानस मधुकर पं शुभम दुबे हातोद ने बागली के गढ़ी भवन में ईनाणी परिवार के द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद भागवत कथा के छटे दिन शुक्रवार को प्रकट किये।

उन्होंने यह भी कहा कि श्रीकृष्ण युग के क्षत्रिय स्वयं को कुलीन मानते हुए क्षत्रिय समाज में इस विचारधारा को बल देते थे कि एक श्राप के कारण यादवों का क्षत्रियत्व लोप हो गया है। इस कारण यादव लोग क्षत्रियों के समान सम्मान पाने के अधिकारी नहीं हैं लेकिन जब स्वयं रुक्मणी ने दूध के द्वारा सन्देश भेजकर भगवान से विवाह करने की इच्छा प्रकट की तब श्रीकृष्ण ने उनका आह्वान स्वीकार कर तत्समय प्रचलित क्षत्रियोत्व विधि से रुक्मणी का हरण किया और अपने रथ में बैठा लिया, तब उन्हें रोकने आए रुक्मणी के भाई सहित सुसज्जित क्षत्रिय सेना का अकेले ही मान मर्दन किया और रुक्मणी के भाई को भी जीवनदान दिया।

ऐसी अनेक युगांतरकारी घटनाओं के कारण ही भगवान को युगंधर श्रीकृष्ण कहा जाता है। इस दौरान संगीत मण्डली के साथ पं शुभम जोशी द्वारा सुनाए गए भजनों ने वातावरण को भक्तिरस से सराबोर कर दिया।

रुक्मणी विवाह प्रसंग सदियों तक स्त्री स्वातंत्र्य के उदाहरण- पं सुभम दुबे
रुक्मणी विवाह प्रसंग सदियों तक स्त्री स्वातंत्र्य के उदाहरण- पं सुभम दुबे

इन्होने किया व्यास पीठ का सम्मान

कथा के दौरान व्यास पीठ का सम्मान राजपरिवार के राघवेंद्रसिंह, जटाशंकर सेवा समिति से नारायसिंह पाटीदार, मोतीलाल पटेल व अभय बड़ौला, विधायक प्रतिनिधि कमल यादव, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमल मसकोले, सामाजिक कार्यकर्ता जयदीपसिंह उदावत, अभिभाषक संघ अध्यक्ष मुकेशकुमार गुर्जर, अधिवक्ता सूर्यप्रकाश गुप्ता, प्रवीण चौधरी सहित अभिभाषक संघ, माहेश्वरी जिला संगठन के कैलाश डागा और मुरली मानधन्या, नगर के राजपूत समाज, बोहरा समाज, जैन समाज, जूना गुजराती दर्जी समाज, राठौर समाज, ब्राह्मण समाज आदि ने कथा व्यास पं दुबे और आयोजक अधिवक्ता राजेन्द्रकुमार ईनाणी व राजकुमारी ईनाणी को सम्मानित किया।

समापन आज, होगा भंडारा

आयोजन का समापन शुक्रवार को होगा। जिसमें कथा में सुदामा चरित्र का प्रसंग सविस्तार सुनाया जाएगा। इसके उपरांत पूर्णाहुति होगी और महाआरती के उपरांत महाप्रसादी वितरण होगा। आभार अधिवक्ता रितेश ईनाणी और अभिषेक ईनाणी सहित ईनाणी परिवार के सदस्यों ने माना।  
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