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राष्ट्रपति कोविंद ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को किया संबोधित – बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें मां-बाप

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को सभी अमर सेनानियों को नमन करते हुए उनकी शहादत को याद किया और कहा कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था। वे 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे।


इस मौके पर उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों सहित सभी कोरोना योद्धाओं के योगदान को सराहा। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।

अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आजादी का सपना साकार हुआ था

राष्ट्रपति कोविंद ने देश की जनता को भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए कहा कि यह वर्षगांठ मनाते हुए उनका हृदय सहज ही आज़ादी के शताब्दी वर्ष 2047 के सशक्त, समृद्ध और शांतिपूर्ण भारत की परिकल्पना से भरा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह मंगलकामना करता हूं कि हमारे सभी देशवासी कोविड महामारी के प्रकोप से मुक्त हों तथा सुख और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ें। इसी के साथ कोविंद ने कहा कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आजादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग और बलिदान के अनूठे उदाहरण पेश किए। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को नमन करता हूं। राष्ट्रपति ने इस दौरान टोक्यो ओलिंपिक की कामयाबी, कोरोना से उपजे संकट, किसान और वैक्सीनेशन अभियान पर बात की।

भारत ने121 साल में सबसे ज्यादा मेडल जीतने का इतिहास रचा है

हाल ही में हुए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपनी भागीदारी के 121 साल में सबसे ज्यादा मेडल जीतने का इतिहास रचा है। हमारी बेटियों ने कई रुकावटों को पार करते हुए खेल के मैदानों में विश्व स्तर की उत्कृष्टता हासिल की है। एजुकेशन से लेकर सेना, प्रयोगशालाओं से लेकर खेल के मैदानों तक हमारी बेटियां अपनी अलग पहचान बना रही हैं। बेटियों की इस कामयाबी में मुझे भविष्य के विकसित भारत की झलक दिखाई देती है। मैं हर माता-पिता से गुजारिश करता हूं कि वे ऐसी होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के मौके दें।

मैं सभी पीड़ित परिवारों के दुख में बराबर का भागीदार हूं

महामारी की तीव्रता में कमी आई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है। इस साल आई महामारी की दूसरी लहर के विनाशकारी प्रभाव से हम अब तक उबर नहीं पाए हैं। पिछले साल सभी लोगों की कोशिशों से हम संक्रमण के प्रसार पर काबू पाने में सफल रहे थे। साल की शुरुआत में हम सब विश्वास से भरे थे, क्योंकि हमने इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया था। फिर भी कोरोना-वायरस के नए रूपों से हमें दूसरी लहर का भयावह प्रकोप झेलना पड़ा। यह अभूतपूर्व संकट का समय था। मैं सभी पीड़ित परिवारों के दुख में बराबर का भागीदार हूं।

अब तक 50 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है

हर तरह के जोखिम उठाते हुए हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों और दूसरे कोरोना वॉरियर्स की कोशिशों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। कोविड की दूसरी लहर से हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे पर बहुत दबाव पड़ा है। अब तक के अनुभव से यही सीख मिली है कि अभी हमें लगातार सावधानी बरतने की जरूरत है। हमारे देश में चल रहे विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 50 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को वैक्सीन लग चुकी है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें।

राष्ट्रपति के संबोधन की खास बातें…

देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! यह दिन हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष और उल्लास का दिन है। इस वर्ष के स्वाधीनता दिवस का विशेष महत्व है। क्योंकि इसी वर्ष से हम सब अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं।

कई पीढ़ियों के ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष से हमारी आज़ादी का सपना साकार हुआ था। उन सभी ने त्याग व बलिदान के अनूठे उदाहरण प्रस्तुत किए। मैं उन सभी अमर सेनानियों की पावन स्मृति को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं।

हाल ही में संपन्न टोक्यो ओलंपिक में हमारे खिलाड़ियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का गौरव बढ़ाया है। मैं हर माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे होनहार बेटियों के परिवारों से शिक्षा लें और अपनी बेटियों को भी आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करें।

हालांकि महामारी की तीव्रता में कमी आई है लेकिन कोरोना-वायरस का प्रभाव अभी समाप्त नहीं हुआ है। हर तरह के जोखिम उठाते हुए, हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। हमारे डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासकों और अन्य कोरोना योद्धाओं के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है।

मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें. इस समय वैक्सीन हम सबके लिए विज्ञान द्वारा सुलभ कराया गया सर्वोत्तम सुरक्षा कवच है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे प्रोटोकॉल के अनुरूप जल्दी से जल्दी वैक्सीन लगवा लें। यह तथ्य संतोषजनक है कि चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए एक वर्ष की अवधि में ही 23,220 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

मुझे इस बात की खुशी है कि सभी बाधाओं के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में – विशेष रूप से कृषि के क्षेत्र में – बढ़ोतरी जारी रही है. जब ‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस’ की रैंकिंग में सुधार होता है, तब उसका सकारात्मक प्रभाव देशवासियों की ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ पर भी पड़ता है। एग्रीकल्चरल मार्केटिंग में किए गए अनेक सुधारों से हमारे अन्नदाता किसान और भी सशक्त होंगे और उन्हें अपने उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त होगी।

मैं जम्मू-कश्मीर के निवासियों, विशेषकर युवाओं से इस अवसर का लाभ उठाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के माध्यम से अपनी आकांक्षाओं को साकार करने के लिए सक्रिय होने का आग्रह करता हूं। अब जम्मू-कश्मीर में नव-जागरण दिखाई दे रहा है. सरकार ने लोकतंत्र और कानून के शासन में विश्वास रखने वाले सभी पक्षों के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

– हमारा लोकतन्त्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतन्त्र का मंदिर है. स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस नए भवन के उदघाटन को विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक प्रस्थान बिन्दु माना जाएगा. हमारा लोकतन्त्र संसदीय प्रणाली पर आधारित है, अतः संसद हमारे लोकतन्त्र का मंदिर है. यह सभी देशवासियों के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारे लोकतंत्र का यह मंदिर निकट भविष्य में ही एक नए भवन में स्थापित होने जा रहा है.

सरकार ने इस विशेष वर्ष को स्मरणीय बनाने के लिए कई योजनाओं का शुभारम्भ किया है. ‘गगनयान मिशन’ उन अभियानों में विशेष महत्व रखता है. हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत ने, न केवल पेरिस जलवायु समझौते का पालन किया है, बल्कि जलवायु की रक्षा के लिए तय की गई प्रतिबद्धता से भी अधिक योगदान कर रहा है.

कोरोना के संकट का सामना करने में लाखों लोगों ने अपनी परवाह न करते हुए मानवता के प्रति निस्वार्थ भाव से दूसरों के स्वास्थ्य और प्राणों की रक्षा के लिए भारी जोखिम उठाए हैं. ऐसे सभी कोविड योद्धाओं की मैं हृदय से सराहना करता हूं. सभी कोविड योद्धाओं की मैं हृदय से सराहना करता हूं. अनेक कोविड योद्धाओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. मैं उन सबकी स्मृति को नमन करता हूं.

“मेरा हर काम, देश के नाम.” यह आदर्श-वाक्य हम सभी देशवासियों को मंत्र के रूप में आत्मसात कर लेना चाहिए तथा राष्ट्र के विकास के लिए पूरी निष्ठा व समर्पण से कार्य करना चाहिए. मैं विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों की सराहना करता हूं, जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता की रक्षा की है, और आवश्यकता पड़ने पर सहर्ष बलिदान भी दिया है. मैं सभी प्रवासी भारतीयों की भी प्रशंसा करता हूं. उन्होंने जिस देश में भी घर बसाया है, वहां अपनी मातृभूमि की छवि को उज्ज्वल बनाए रखा है.

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