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महाकाल की नगरी अवंतिका में मनोज मुंतशिर की प्रस्तुति

उज्जैन। हिंदू नव वर्ष गुड़ी पड़वा पर्व पर गौरव दिवस की पूर्व संध्या पर शहीद पार्क स्थित प्रख्यात लेखक व बॉलीवुड के गीतकार मनोज मुंतशिर ने प्रस्तुति दी। मनोज मुंतशिर ने मां, पिता, भगतसिंह, हल्दी घाटी, महाराणा प्रताप, मोहन जोदाड़ो, भगवान राम, माता सीता से लेकर श्री कृष्ण और अपने दिल टूटने पर लिखी पहली यादगार पंक्तियों को दर्शकों की फरमाइश पर सुनाया, साथ ही मनोज ने 800 साल पूर्व मुगल शासक इल्तुतमिश द्वारा तोड़े गए प्राचीन स्थल जिसमें से महाकाल मंदिर का जिक्र किया और जमकर मुगलो पर निशाना साधा।

विक्रम उत्सव के कार्यक्रम में शामिल होने आए मनोज मुंतशिर ने उज्जैन के शहीद पार्क पर आयोजित कार्यक्रम में कई रोचक किस्से सुनाए। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन कर की गई प्रसिद्ध फिल्म गीतकार शायर मनोज मुंतशिर ने कहा की जो अपनी मिट्टी से प्यार नही करता उसका गौरव नहीं मना सकता, उसे जीने का अधिकार नहीं। उज्जैन की ख्याति विशेषताओं पर मुंतशिर बोले राजा विक्रमादित्य कि जितनी भी चर्चाएं की जाए कम है। मनोज मुन्तशिर ने मार्मिक बात कहते हुए कहा की मैं उज्जैन पहली बार 2001 में आया था। संघर्ष किया पहली बार टीवी सीरियल यात्रा लिखा उसकी शूटिंग उज्जैन में हुई, मैं शिप्रा में नहाया महाकाल बाबा के दर्शन किये, भगवान चिन्तामन मन्दिर भी गया, मैने तब भगवान से कामना की थी की ये यात्रा शो सिर्फ 6 माह चल जाये तो मुझे जीने का आसरा मिल जायेगा, मगर महाकाल ने मुझे इतना दिया कि उसका वर्णन नहीं कर सकता। मेरा वो शो 6 साल तक चलता रहा। भगवान महाकाल ने 6 साल तक मेरे घर अनाज और रोटी भेजी है। राधा कृष्ण के प्रेम और राम सीता के प्रेम की कई बातें उन्होंने लोगों से साझा की।

मनोज ने सुशांत सिंह राजपूत को याद करते बॉलीवुड में नेपोटिज्म को बढ़ावा देने वालो पर भी निशाना साधा और शहर के हर छोड़े बड़े कलाकार के लिए कहा आप अपने इरादों को मरने मत दीजिये आपकी प्रतिभा एलान कर चुकी है कि आपका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता।

उज्जैन से मृदुभाषी प्रदेश के लिए अमृत बैंडवाल की रिपोर्ट

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