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इंदौर की ताई को पद्म भूषण अवार्ड, उद्योगपति डॉ. नेमनाथ जैन को भी राष्ट्रपति ने दिया पद्मश्री

इंदौर। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आज आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले 119 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस साल 119 लोगों को पद्म पुरस्कार दिया. 7 लोगों को पद्म विभूषण 10 लोगों को पद्म भूषण (Padma Bhushan ) और 102 पद्म श्री अवार्ड दिए गये. पुरस्कार पाने वालों में 29 महिलाएं, 16 मरणोपरांत पुरस्कार विजेता और 1 ट्रांसजेंडर पुरस्कार विजेता हैं.

राष्ट्रपति भवन में सोमवार को हुए अवार्ड समारोह में इंदौर की ताई को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। दिल्ली में मिले इस सम्मान के बाद इंदौरवासियों में उत्साह है। पूरा इंदौर अपनी जनप्रिय नेता की उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।

ताई ने इंदौर लोकसभा सीट पर लगातार 8 बार चुनाव जीतकर नए रिकॉर्ड बनाये हैं। साल 1980 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने वाली सुमित्रा महाजन पहली बार नगर निगम की पार्षद बनीं थीं। उप महापौर बनने के बाद 1989 में उन्होंने इंदौर लोकसभा से दिग्गज कांग्रेस नेता प्रकाशचन्द सेठी को हराया। इसके बाद वो 2014 तक लगातार सांसद बनी रहीं। वहीं 2014 में 16 वीं लोकसभा की अध्यक्ष बनी।

उद्योगपति तथा प्रेस्टीज औद्योगिक एवं शिक्षण समूह के संस्थापक डॉ. नेमनाथ जैन को ट्रेड एवं इंडस्ट्री में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. नेमनाथ जैन ने इंदौर एवं मध्यप्रदेश के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान इंदौर एवं मध्य प्रदेश के लोगों का सम्मान है। अविभाजित भारत और वर्तमान में पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में 17 सितंबर 1931 को जन्मे डॉ. नेमनाथ जैन विभाजन के बाद 16 साल की उम्र में इंदौर में आकर बस गए। यहाँ मिल में नौकरी करते हुए एसजीएसआईटीएस से इंजीनियरिंग करने के बाद कुछ समय तक नौकरी की। इसके बाद प्रेस्टीज औद्योगिक समूह की स्थापना की। 1994 में प्रेस्टीज इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की स्थापना की।

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