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इंदौर में बगैर ग्रीन कारिडोर के ही हो गया अंग का प्रत्यारोपण

इंदौर। अंगदान के लिए इंदौर लगातार इतिहास रच रहा है। शनिवार को श्वेतांबर जैन समाज के ज्योतिषाचार्य छोटा बांगड़दा, इंदौर निवासी 74 वर्षीय संपतराज कोचेटा (जैन) का इंदौर का 43 वां अंगदान चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में हुआ। यह पहला मौका था जब अंग का प्रत्यारोपण रिवाइवल रीट्राईवल सेंटर चोइथराम हॉस्पिटल में ही होने से ग्रीन कारिडोर की व्यवस्था की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। स्व. संपतराज का लीवर, आंख और त्वचा का दान संपन्न हुआ, तकनीकी कारणों से अन्य अंगों का दान संभव नहीं हो सका। वरीयता सूची के अनुसार लिवर चोइथराम हास्पीटल के 58 वर्षीय महिला रोगी को प्रत्यारोपण हेतू उपलब्ध हुआ।

चोइथराम हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुनील चांदीवाल की अगुवाई में डॉ. रतन सहजपाल, डॉ. विक्रम बलवानी, डॉ. प्रकाश दूधिया और डॉ. राहुल जैन द्वारा ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन का कार्य किया गया! फोर्टिस हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ पीयूष श्रीवास्तव और डॉ. काऊसर माकी, चोइथराम हॉस्पिटल के डॉ. अजय जैन और डॉ. सुदेश शारदा व सहयोगियों द्वारा प्रत्यारोपण सर्जरी की गयी। नेत्रदान शंकरा आई सेंटर और त्वचादान चोइथराम हॉस्पिटल की तकनीकी टीम के जीतू बगानी, अनिल गोरे और जयवंत निकम द्वारा किया गया।

तकनीकी कारणों से हुआ विलंब

पूर्व में परिवार की अंगदान की स्वीकृति के बाद तकनीकी कारणों से हो रहे विलंब के चलते परिवार में अंगदान के कार्य को तकरीबन निरस्त कर अस्पताल रोगी को डिस्चार्ज करवा लिया था ऐसे समय में स्वर्गीय संपतराज के नाती केतन और भतीजे मयंक एवं पोती पदमाजा द्वारा छोटी सी परेशानी के चलते अंगदान के पुण्य कार्य को स्थगित करने का विरोध किया और अपने परिजनों को इस कार्य के लिए पुन: मनाया।

43वां अंगदान हुआ

संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित की अगुवाई में इन्दौर का नाम एक बार फिर अंगदान का साक्षी बना जब यह 43 वा अंगदान संपन्न हुआ। परिवार के दुख की घड़ी में इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने दानदाता के दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी और परिवार चिकित्सा दल व मुस्कान ग्रुप के इस परोपकारी कार्य की सराहना की। सोटो नोडल अधिकारी मनीष पुरोहित, एमजीएम मेडिकल कॉलेज की निधि शर्मा, चोइथराम हॉस्पिटल के आॅर्गन ट्रांसप्लांट कोआॅर्डिनेटर देबी चटर्जी, रंजना चौहान का योगदान भी सराहनीय रहा। मुस्कान के सेवादार समन्वय कार्य मे जीतू बगानी, संदीपन आर्य, राजेंद्र माखीजा, लक्की खत्री लगे रहे।

पूरे 8 लोगों को मिल सकता है नया जीवन

ब्रेन डेड होने के तुंरत बाद दो किडनी, दो कार्निया, लंग्स, ब्लड वेशल्स, मसल्स एंड लिगामेंट, पेनिस, कर्टिलेजस, हार्ट, लीवर, बोनमेरो, स्किन, पैंक्रियाज डोनेट की जा सकती हैं।

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