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पेड़ों की रक्षा करने की ऐसी दीवानगी पहले कभी नहीं देखी होगी

ट्री मेन

भोपाल. देशभर में हरियाली को बचाने और पेड़ों की रक्षा के आपने कई उदाहरण देखें होंगे। मगर आज हम हमारी खास पेशकश में आपको जो बताने जा रहे है, यह जानकर आप चोंक जाएगा। जी हां शहर के एक बुजुर्ग ने आराम करने की उम्र में राजधानी की हरियाली का संरक्षण करने का संकल्प का लिया है। वह 66 वर्ष की उम्र में आराम करने के बजाए प्रत्येक रविवार को हरियाली बचाने के लिए शहर भर में घूमकर पेड़ो में लगी हुई किलो को निकालने का काम कर रहे हैं।

हम बात कर रहे है भोपाल के पीरगेट क्षेत्र में दीवारों पर वॉलपेपर की दुकान संचालित करने वाले 66 वर्षीय सैफउद्दीन की। जो इन दिनों सफाई अभियान के साथ हरियाली संरक्षण को लेकर भी जी जान से जुटे हुए हैं। वह भोपाल के अलावा इंदौर, धार, खरगोन और बुरहानपुर की यात्रा के दौरान भी वहां के पेड़ों में ठुकी हुई किलो को निकाल चुके हैं।

मृदुभाषी न्यूज के साथ विशेष बातचीत में 66 वर्षीय बुजुर्ग सैफउद्दीन ने बताया कि कुछ समय पहले साफ सफाई करते हुए सड़क किनारे थक कर वह एक छोटे से पेड़ के नीचे बैठ गए थे। उसी दौरान उन्होंने देखा था कि पेड़ में कील ठुकी हुई थीं। वही उसके आगे एक और बड़ा सा वृक्ष था जो हरियाली से लबरेज हो रहा था, मगर उसमें एक भी कील नहीं थी। तभी से उन्होंने संकल्प लिया था कि स्टिकर लगाने, जादू टोना वगैराह के लिए पेड़ो में ठुकी हुई किलो को वह अब से निकालने का कार्य करेंगे।

सैफउद्दीन को पेड़ों से बोर्ड हटाकर कीलें निकालने पर कई बार उन्हें धमकी भी मिल चुकी है। सैफउद्दीन स्वच्छ भारत अभियान के लिए देश के कई हिस्सों में अपनी ही एक्टिवा गाड़ी से यात्राएं कर चुके हैं। पेड़ों को बचाने के लिए राजधानी के नूर महल निवासी 66 वर्षीय सैफउद्दीन कई महीनों से शहर और बाहर हाईवे पर लगे पेड़ों से कीलें निकालने का काम कर रहे हैं।

भोपाल से मृदुभाषी के लिए मोहम्मद ताहिर खान की रिपोर्ट

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