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NDA Meeting:मोदी ने सहयोगी दलों से कहा- हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं, मतबूती का प्रतीक, NDA में कोई छोटा या बड़ा दल नहीं

NDA meeting हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं, मतबूती का प्रतीक, NDA में कोई छोटा या बड़ा दल नहीं

NDA Delhi Meeting: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एनडीए और INDIA (26 विपक्षी दलों का गठबंधन) की बैठक आज संपन्न हो गई। बेंगलुरु में आयोजित विपक्षी दलों की बैठक में नेताओं ने एनडीए पर जमकर हमला बोला। वहीं, दिल्ली में एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समर्थक दलों का खूब हौसला अफजाई की।

मोदी ने कहा कि एनडीए में कोई दल छोटा या बड़ा नहीं है। हम अपने सभी पुराने साथियों का अभिनंदन करते हैं और नए साथियों के बेहतर भविष्य की कामना करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि NDA में N का मतलब न्यू इंडिया है। D का मतलब विकसित राष्ट्र ओर A का अर्थ लोगों की आकांक्षा है। इस समय युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को एनडीए पर पूरा भरोसा है।

बता दें एनडीए (NDA) की बैठक में 38 दल के शीर्ष नेता शामिल हुए। मोदी ने कहा कि एनडीए का संकल्प पॉजिटिव है। एजेंडा पॉजिटिव है। रास्ता भी पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं। देश सबके साथ से चलती है। हम आज विकासशील भारत के निर्माण में जुड़े हैं। देश में राजनीतिक गठबंधन का पुराना इतिहास है, लेकिन नकारात्मक विचार से बने गठबंधन सफल नहीं हुए। एनडीए का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं था। यह गठबंधन किसी के विरोध में नहीं बना। किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना था। एनडीए का गठन देश में स्थिरता लाने के लिए हुआ था। जब देश में स्थिर सरकार होती है तो देश कालजली फैसले करता है।

हमने कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की

पूरी दुनिया का आज भारत पर भरोसा बढ़ा है। एनडीए की एक विशेषता रही है विपक्ष में भी हमने नकारात्मक राजनीति का रास्ता नहीं चुना। विपक्ष में रहकर सरकार का विरोध किया। उनके घोटाले उजागर किए। हमने सरकार के विरोध के लिए विदेशी मदद नहीं ली। अभी हम देखते हैं केंद्र की योजनाओं को विपक्ष की कई सरकारें अपने राज्य में लागू नहीं होने देती। अगर, योजनाएं लागू हो जाती हैं तो उन्हें रफ्तार नहीं पकड़ने देते। उन विपक्षी नेताओं की सोच है कि मोदी की योजना का लाभ गरीबों को मिला तो उनकी राजनीति कैसे चलेगी? केंद्र की योजनाओं के लिए मुझे कई बार विपक्षी नेताओं को चिट्ठियां लिखनी पड़ती हैं, लेकिन यह अपनी राजनीति के लिए आम लोगों के बारे में नहीं सोचते।

पहले की गठबंधन मुश्किल से 10 साल चल पाती थी

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार से पहले कोई भी गठबंधन की सरकार बड़ी मुश्किल से 10 साल चला पाई। इस दौरान देश को क्या मिला? प्रधानमंत्री पद के ऊपर एक शख्स, निर्णय लेने में अक्षमता…। पिछली सरकार में क्रेडिट लेने के लिए सब आगे आते थे, लेकिन गलती होने पर दोष सहयोगियों पर डाल दिया जाता था। उन दलों के लिए गठबंधन मजबूरी थी, लेकिन हमारे लिए गठबंधन मजबूरी नहीं, मतबूती का प्रतीक। इसमें क्रेडिट भी सबका है। दायित्व भी सबका है। हमारा लक्ष्य देश के हर घर तक लाभ पहुंचाना है। इस गठबंधन में जितने दल हैं, वो ऐसे वर्गों के बीच काम करते हैं, जो वंचित रहे हैं। हमारे पास दलित-वंचितों के साथ काम करने वाले नेता है। एनडीए में ऐसे दल हैं, जिनकी पहले दिल्ली में सुनवाई नहीं होती थी। NDA देश की क्षेत्रीय आकांक्षाओं का इंद्रधनुष हैं।

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