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Monsoon 2021: कौवा होता है प्रकृति का मौसम विज्ञानी, बारिश की करता है सटीक भविष्यवाणी

Monsoon 2021: प्रकृति में मौसम की भविष्यवाणी करने वाले कई राज छिपे हुए हैं। पेड़,पौधे, पशु, पक्षी सभी कुदरत के संकेतों को समझते हैं और उसके अनुसार अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देते हैं। मैौसम में सबसे ज्यादा संवेदनशील वे बारिश को लेकर होते हैं। बारिश की भविष्यवाणी प्रकृति के ये प्रतिनिधि बेहद सटीक तरीके से करते हैं, क्योंकि बारिश की बरसती बूंदों पर उनकी जिदगी का दारोमदार टिका होता है। पक्षियों में कौवों को वर्षा की बेहतर भविष्यवाणी करने वाला पक्षी माना जाता है। आइए जानते हैं कौवा कैसे संकेत देकर वर्षा ऋतु के आगमन की भविष्यवाणी करता है।

वृक्षों के घोंसलों से मिलते हैं संकेत

कौवे को प्रकृति का मौसम विज्ञानी कहा जाता है। प्रकृति के नैसर्गिक चक्र के संकेतों को समझने की अलौकिक शक्ति कौवों में होती है। बारिश के संदर्भ में कौवों का आकलन काफी सटीक होता है। पौराणिक ग्रंथों में स्निग्ध या नर्म प्रकृति के पेड़ों जैसे आम, करंज या कांटों वाले वृक्षों का कौवों से पुराना संबंध बतलाया गया है। कौवे यदि मई के महीने में अपना घोंसला बबूल या सावर जैसे कांटेदार वृक्षों पर बनाते हैं तो बारिश के कम होने की संभावना रहती है। इसके विपरित यदि वे आम या करंज के वृक्ष पर घोंसला बनाते हैं तो ये अच्छी बारिश के संकेत होते हैं।

बारिश का बताते हैं पूर्नानुमान

कौआ अगर पे़ड की पूर्व दिशा की ओर घोंसला बनाता है तो बारिश अच्छी होती है। अगर पश्चिम दिशा की ओर बनाता है तो सामान्य बारिश होगी। उत्तर-दक्षिण की ओर बनाए तो बारिश बहुत कम होती है। अगर कौवा पे़ड के शिखर पर घोंसला बनाता है तो बहुत उसे कम बारिश होने का संकेत कहा जा सकता है। हालांकि ऐसा बहुत कम होता है परंतु हुआ तो उसे सूखे का स्पष्ट संकेत मानना चाहिए। कौआ यदि पेड़ की पूर्व दिशा की ओर घोंसला बनाता है तो बारिश अच्छी होती है।यदि पश्चिम दिशा की ओर घोसला बनाता है तो सामान्य बारिश की संभावना होती है। उत्तर-दक्षिण की तरफ बनाए तो बारिश बहुत कम होती है। यदि कौवा पेड़ के शिखर पर घोंसला बनाता है तो यह भी कम बारिश होने के संकेत माने जाते है। इस तरह कौवा अतिवृष्टि से लेकर अकाल तक के संकेत अपने घोंसले के जरिए दे देता है।

मादा के अंडों से मिलते हैं वर्षा के संकेत

नर और मादा कौवे मिलकर घोंसले को बनाते हैं। नर कौआ घोंसला बनाने के लिए आवश्यक बारीक लकड़ियां, तिनके और कपास लाता है, तो मादा कौआ सुंदर घोंसले को आकार देती है। मादा कौए के अंडे से भी बारिश का पूर्वानुमान लगाया जाता है। यदि मादा ने चार अंडे दिए हैं तो यह अच्छी बारिश होने का संकेत है। यदि दो अंडे दिए तो कम बारिश के और एक ही अंडा दिया तो अल्पवर्षा के योग हैं। यदि कौवे ने जमीन पर अंडा दिया है तो उस साल भयानक सूखा पड़ने की संभावना रहती है।

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