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Mahashivratri : पंडित प्रदीप मिश्रा के भक्तों को दलित होने की वजह से मंदिर में एंट्री नहीं !

महाशिवरात्रि पर एक तरफ जहां शिवालयों में पूजा-पाठ करने लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर खंडवा में दलितों को शिवलिंग की पूजन करने से रोक दिया। पुजारी ने दलितों को मंदिर में प्रवेश करने नहीं करने दिया। इसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया। दलित समाज का कहना है कि हम पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित हैं। शिव की पूजा करते हैं। विवाद बढ़ने पर पुलिस ने वहां पहुंचकर दलित समाज के युवक से जलाभिषेक करवाया। अब मंदिर पक्ष ने पंचायत बुलाई है। वहीं दलित समाज के लोगों ने भी पुजारी के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते हुए थाने को घेरने की चेतावनी दी है।

पुजारी बोले- परमिशन तो लेनी पड़ेगी

पुजारी जगराम पंवार ने दलितों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका

पुजारी जगराम पंवार ने पुलिस को बताया कि दलित समाज ने अभी तक शिव मंदिर के बाहर ही पूजा-पाठ की है। वर्षों से यही परपंरा चली आ रही है। उन्होंने अपनी ओर से कभी मंदिर के अंदर आकर पूजा करने का प्रस्ताव नहीं रखा है। अब अचानक वे मंदिर में घुसेंगे, तो परमिशन तो लेना पड़ेगी। हम लोग गांव की पंचायत बैठाकर फैसला लेंगे। मंदिर के निर्माण में भी उन्होंने चंदा नहीं दिया है।

पंडित प्रदीप मिश्रा से प्रभावित है दलित समाज

दलित समाज के लोगों का कहना है कि हम पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) से प्रभावित हैं। अब नई पीढ़ी के बच्चे पंडित मिश्रा से प्रभावित होकर भगवान शिव की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि पर उनकी इच्छा थी कि शिव मंदिर के भीतर जाकर शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएंगे, लेकिन बंजारा समाज को दलित समाज की पूजा पर आपत्ति है। हमारी मांग है कि मंदिर के पुजारी पर एट्रोसिटी एक्ट में एफआईआर की जाए। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने थाने के घेराव की चेतावनी भी दी।

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