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भगवान जगन्नाथ हुए बीमार, जड़ी-बूटी युक्त विशेष आहार के साथ ले रहें हैं काढ़ा

ISCON Rathyatra Ujjain: प्रत्येक वर्ष इस्कॉन की निकलने वाली रथ यात्रा इस वर्ष 12 जुलाई को निकलने वाली है. भगवान का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. इसके लिए भगवान को प्रोटीन युक्त खाना सुबह शाम काढ़े के साथ दिया जा रहा है. फिलहाल, रथयात्रा निकालने के लिए प्रशासन को अनुमति पत्र दिया गया है.

भगवान हुए बीमार

हर साल की तरह इस साल भी इस्कॉन की रथ यात्रा 12 जुलाई को निकलने वाली है. रथयात्रा से पहले इस्कॉन मंदिर की समिति भगवान के वस्त्रों की डिजाइन से लेकर उनके खानपान का विशेष ध्यान रख रही है. फिलहाल, बीमारी के कारण भगवान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है. इसके लिए भगवान को इस समय जड़ी-बूटी य़ुक्त विशेष आहार के साथ सुबह शाम काढ़ा दिया जा रहा है.

विशेष पोशाख करेंगे धारण

गोरतलब है कि बीमारी से ठीक होने के बाद भगवान की रथ यात्रा विधि विधान के साथ निकाली जाएगी. जिसमें भगवान रथ पर सवार होकर भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मौसी के घर गुंदेचा जाएंगे. वहां, वह 7 दिन तक स्वास्थ्य लाभ करेंगे. यहां पर भगवान के पधारने पर रोजाना उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर के लिए भगवान के लिए 4.5 लाख रुपए की विशेष पोशाख तैयार की जा रही है. इस्कॉन मंदिर द्वारा शहर में रथ यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है.

रथयात्रा पर बना हुआ है असमंजस

फिलहाल, कोरोना गाइड लाइन के चलते प्रशासन अनुमति देता है या नहीं इस पर असमंजस बना हुआ है. इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव दास ने बताया कि, पश्चिम बंगाल से आए 10 कलाकार भगवान की ड्रेस तैयार कर रहे हैं. साथ ही यह सभी हाथों से वस्त्रों पर नक्काशी और कारीगरी कर खूबसूरत पोशाख भगवान के लिए तैयार कर रहे हैं, जिसमें जगन्नाथ भगवान, सुभद्रा महारानी, और बलदेव जी के वस्त्र जापानी मोती, जापानी कढ़ाई से चेढ़ लाख रुपए की लागत से तैयार किए गए है. इसके साथ ही ललिता देवी, विशाखा देवी, कृष्ण बलराम जी, राधा मदन मोहन, नरसिंह भगवान की पोशाख कुल 4.5 रुपए की लागत से तैयार की जा रही है।

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