Mradhubhashi
Search
Close this search box.

इंदौर का ट्रैफिक प्लान तैयार: 20 सालों में 940 वर्ग किलोमीटर सड़क और 107 नए ब्रिज की जरूरत होगी

इंदौर । इंदौर शहर की बढ़ती आबादी और बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए अगले 20 सालों को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है। ट्रैफिक प्लान सर्वे के आधार पर तैयार किया है। मास्टर प्लान के तहत इंदौर में मेट्रो ट्रेन के साथ 107 नए ब्रिज की जरूरत बताई गई है।

दिल्ली की एक बड़ी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा बनाए इस प्लान का प्रेजेंटेशन शुक्रवार को दिया गया। जिसमे शहर के जनप्रतिनिधि और अफसर मौजूद थे। शहर में ट्रैफिक के लिए हुए सर्वे के निष्कर्षों को भी बैैठक में रखा गया। जिसमें बताया गया कि शहर में 940 वर्ग किलोमीटर सड़कों की जरुरत भविष्य में होगी और यातायात को सुगम करने के लिए 107 ब्रिज बनाना होंगे।
इंदौर से महू, पीथमपुर तक मेट्रो ट्रेन चलाने की जरूरत
इस स्टडी के मुताबिक शहर का विकास इस तरीके से करने पर जोर दिया गया कि शहर के हर हिस्से में बुनियादी सुविधाएं और रोजमर्रा के काम की चीजें उपलब्ध हो ताकि व्यक्ति को कोर सिटी एरिया में ना जाना पड़े। इसके लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में सब सिटी सेंटर विकसित किए जाए। साथ ही शहर की रिंग रोड को पूरा करने, उज्जैन से इंदौर और इंदौर से महू पीथमपुर तक मेट्रो ट्रेन चलाने और शहर में कुल 107 नए ब्रिज की जरूरत बताई गई।

शास्त्री ब्रिज का नया निर्माण होगा
बैठक में शास्त्री ब्रिज के समीप बनने वाले नए रेलवे स्टेशन के अवरोधों को दूर करने के संबंध में चर्चा की गयी। बताया गया कि शास्त्री ब्रिज का नया निर्माण किया जाएगा। इसकी थोड़ी लम्बाई दोनों तरफ बढ़ेगी साथ ही चौड़ाई भी दो गुना हो जाएगी। शास्त्री मार्केट यथावत रहेगा। प्रयास यह किए जाएंगे कि इस ब्रिज का निर्माण जल्द से जल्द पूरा हो। जिससे कि नागरिकों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। ट्राफिक डायर्वशन प्लान भी बनाया जाएगा।


शहर में माल ढुलाई की व्यवस्था भी इंटीग्रेटेड हो
सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि सर्वे में यह बात भी निकल कर आई कि बढ़ती आबादी के साथ शहर के अंदर माल ढुलाई की समस्या भी बड़ी होती जाएगी। देवास नाका और भंवरकुआं जैसे ट्रकों के बड़े हब पहले से ही शहर के अंदर आ चुके हैं। ऐसे में आबादी बढ़ने के साथ ट्रकों की संख्या भी बढ़ेगी और इससे हादसों का डर लगातार बना रहेगा। इसके लिए जरूरी है कि शहर के मास्टर प्लान के साथ शहर में माल ढुलाई की व्यवस्था भी इंटीग्रेटेड हो।


लिंक रोड का शहर में अभाव

इस सर्वे के महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि शहर में लिंक रोड का अभाव है।जैसे अगर उज्जैन से किसी को देवास रोड पर जाना हो तो उसके लिए शहर में आने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। अगर शहर में ठीक ढंग से लिंक रोड भी बना दिया जाए तो शहर के अंदर आने वाले बहुत सारे ट्रैफिक के दबाव को कम किया जा सकता है। सर्वे में इंदौर से उज्जैन एवं इंदौर से महू एवं पीथमपुर के लिए मेट्रो चलाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।

सर्वे की महत्वपूर्ण बाते
-सर्वे के मुताबिक शहर में 35% से ज्यादा लोग अपनी टू व्हीलर का इस्तेमाल करते है। करीब 20% लोग सिटी बसों का इस्तेमाल करते है।
-12 परसेंट लोग अब भी आॅटो रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं पैदल चलने वालों की संख्या करीब 23 प्रतिशत है।
-शहर में फिलहाल इंटरसिटी टर्मिनल नहीं है इसलिए पांच नए इंटरसिटी टर्मिनल बनाया जाए। साथ ही मल्टीमॉडल हब बनाने की बात भी कही गई है। मल्टीमॉडल हब यानी जहां पर शहर में मौजूद यातायात के सभी साधन एक जगह पर उपलब्ध हो जैसे मेट्रो, सिटी बस मैजिक एवं इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा।
-शहर की जनसंख्या को देखते हुए साल 2042 तक करीब 3,000 सिटी बसों की आवश्यकता होगी। सर्वे को करने वाली एजेंसी के मुताबिक हर एक लाख की आबादी पर 40 बसें होनी चाहिए लेकिन भारत के किसी भी शहर में इस अनुपात में बसें नहीं है।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट