कासरगोड। भारतीय मूल की जूली ए मैथ्यू ने अमेरिका में लगातार दूसरी टेक्सास के फोर्ट बेंड काउंटी की जज बनकर इतिहास रचा है।जूली ने अमेरिका में 15 साल तक वकील के रूप में सेवा दी है। चार साल पहले वह पहली भारतीय-अमेरिकी महिला जज बनी थीं।उन्हें लगता है कि यह उनकी सबसे अच्छी नौकरी है और उन्हें यह पेशा काफी पसंद है।जूली ने केरल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए काउंटी अदालत में जज की शपथ ली।
जूली ए मैथ्यू के पिता व्यवसाय करते थे जिसमें उनको कई बार कानूनी रूप से परेशानियों का सामना करना पड़ा, इसके बाद जूली ने कानून की पढ़ाई करने के बारे में सोचा। जूली मैथ्यू ने अमेरिका में 15 वर्षों तक एक वकील के रूप में सेवा की और चार साल पहले वहां जज की बेंच के लिए चुनी जाने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला बनकर इतिहास रच दिया। वहीं अमेरिका के टेक्सास में फोर्ट बेंड काउंटी जज के रूप में लगातार दूसरी बार शपथ लेने वाली वह पहली अमेरिकी भारतीय हैं। हालांकि अब उन्हें लगता है कि यह उनके लिए अब तक की सबसे अच्छी नौकरी है और उन्हें यह पेशा सबसे ज्यादा पसंद है। मैथ्यू ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से टेक्सास में काउंटी अदालत के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
दरअसल, जूली ए मैथ्यू अभी केरल के कासरगोड जिले में अपने पति के गांव भीमनाडी के घर (ससुराल) में हैं। उन्होंने पीटीआई को बताया कि इस बार मेरी इच्छा अपने पति के घर से शपथ लेने की थी। अन्यथा मेरे ससुराल वाले समारोह में भाग नहीं ले पाते। मुझे बहुत खुशी है कि वे और परिवार के अन्य सदस्य शपथ ग्रहण के साक्षी बन सके। जूली मैथ्यू ने कहा कि चार साल पहले जब वह पहली बार जज बनीं तो उनके माता-पिता समारोह देखने और उन्हें आशीर्वाद देने के लिए वहां मौजूद थे। वह मेरे लिए बहुत अच्छी यादें हैं। इस बार उनके माता-पिता और बड़ी बेटी समारोह में हिस्सा नहीं ले सके क्योंकि वे अमेरिका में थे। उन्होंने बताया कि मेरे माता-पिता ने कानूनी अध्ययन करने से हतोत्साहित किया।