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मध्य प्रदेश में गरीब शराबियों का रखा खास ख्याल, अब मदिरालय में ऐसे छलकेंगे जाम

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार अब 90 मिलीलीटर की शीशी में भी देसी मदिरा की सप्लाई करेगी। यह नीति गरीबों का ख्याल कर बनाई गई है। इसके पीछे सरकार ने तर्क दिया है कि इसका उद्देश सस्ती शराब की लालच में जहरीली शराब के सेवन के खतरों से लोगों को बचाना है।

90 मिलीलीटर में मिलेगी शराब

90 मिलीलीटर की कीमत 180 मिलीलीटर की बोतल का आधा रखा जाएगा। शुरू में उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत 90 मिलीलीटर की पैकिंग में भरना अनिवार्य किया गया है। बाद में मांग के अनुरूप यह अनुपात कम ज्यादा किया जा सकेगा। मध्य प्रदेश आबकारी आयुक्त के मुताबिक कोरोना कर्फ्यू के कारण शराब की दुकानें बंद रहने से प्रतिदिन करीब 32 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। वर्तमान में 90 मिलीलीटर की शीशी में देश में में बनी हुई अंग्रेजी शराब ही बेची जाती है। आम बोल चाल में इस पैक को बच्चा या पिल्ला कहा जाता है। सरकार ने 90 मिलीलीटर की बोतल में देसी शराब की सप्लाई का निर्णय ऐसे वक्त लिया है, जबकि उज्जैन और मुरैना जिलों में पिछले अक्टूबर से जनवरी के बीच 38 लोगों की सस्ती जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। इनमें से ज्यादातर बेघर और भिखारी थे।

ऑनलाइन बिक्री का प्रस्ताव ठुकराया

मंत्रिपरिषद ने ऑनलाइन शराब बेचने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। कोरोना कर्फ्यू की वजह से यह प्रस्ताव रखा गया था। इस समय छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में ऑनलाइन शराब की बिक्री की जा रही है। गौरतलब है प्रदेश के राजस्व का बड़ा हिस्सा शराब की बिक्री से आता है। इसलिए ऐसे मुश्किल वक्त में जब खजाना खाली है तब शराब से कुछ हद तक खजाना भरने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।

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