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राज्य में खाली पड़े भूखंडों की ब्रांडिंग कर बिक्री करेगा हाउसिंग बोर्ड, इसमें अनुकंपा पाने वाले कर्मचारी भी शामिल

भोपाल। जन समुदाय में सर्वहारा वर्ग से लेकर आर्थिक रूप से समृद्ध लोगों को आवास उपलब्ध कराने वाला हाउसिंग बोर्ड अब नवाचार की ओर चल पड़ा है। गुरुवार को संपन्न गृह निर्माण मंडल की बैठक में ऐसे निर्णय लिए गए जो निगम के अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों से लेकर समाज के अन्य वर्गों के लिए भी हितकारी होने का दावा किया गया है।

हाउसिंग बोर्ड चेयरमैन का कहना है कि, संपन्न बैठक में अफसरों के बीच निगम में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के हितों का भी ख्याल रखा गया है। इसमें अनुकंपा पाने वाले कर्मचारी भी शामिल है। इन्हें मानधन वेतन के आधार पर किराए से भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें कई शर्तें भी जोड़ी गई है। शर्तों में उल्लेख रहेगा कि वह बोर्ड का कोई नुकसान नहीं करेंगे।

प्रदेश में ऐसे स्थान भी चिन्हित किए जा रहे हैं जहां छोटे से लेकर बड़े आवास निर्मित कराए जा सके। एपीएसआईडीसी के संबंध में भी चर्चा की गई है। जिन पर निकट भविष्य में निर्णय किया जाएगा। बोर्ड की मुख्य प्रशासनिक अधिकारी विदिशा मुखर्जी ने बताया कि बैठक में कई मुद्दों पर सिर्फ चर्चा हुई उन पर आगे निर्णय लिया जाएगा। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष सिंह बोर्ड कमिश्नर भरत यादव वित्त विभाग अपर सचिव भास्कर लक्षकार सहित अपेक्षित सभी अधिकारी उपस्थित रहे। तकरीबन 60 करोड़ की लागत से यह भवन तैयार किया जाएगा। टेंडर के माध्यम से इस भवन का कारपोरेट की डिजाइन में निर्माण कराया जाएगा।

यह मसौदा इसलिए तैयार किया गया है ताकि इस भवन में बैठकर बोर्ड की आला मशीनरी से लेकर निचले स्तर का अमला खाली पड़े भूखंडों की ब्रांडिंग करते हुए बिक्री का मजबूत प्लान तैयार कर सके। बोर्ड के चेयरमेन आशुतोष तिवारी कहते हैं कि, हमारी भविष्य की योजनाओं में समाज के उत्कृष्ट वर्ग से लेकर अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का हित छुपा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस भवन का निर्माण टेंडर प्रक्रिया से जल्दी काम प्रारंभ होगा।

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