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Happy Pongal 2021: भगवान श्रीकृष्ण और महादेव से जुड़ी है पोंगल की कथा

Happy Pongal 2021: पोंगल का त्यौहार दक्षिण भारत की संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है। यह पर्व दक्षिण भारत, विशेष तौर पर तमिलनाडु का एक अति प्राचीन त्यौहार है। जानकारी के मुताबिक यह त्यौहार 200 से 300 ईस्वी पूर्व का है। पोंगल को यहां पर नई फसल के पर्व के रूप में मनाया जाता है। पोंगल पर्व का वर्णन पुराणों में पाता जाता है। शास्त्रोक्त कथाएं भी पोंगल पर्व के साथ जुड़ी हुई है। पोंगल के संबंध में दो कथाओं का शास्त्रों में वर्णन मिलता है।

महादेव से संबंधित पोंगल की कथा

भोलेनाथ से संबंधित एक पौराणिक पोंगल की कथा के अनुसार, कैलाशपति ने अपने बैल बसव को स्वर्ग से धरती पर जाकर मानवों को एक सन्देश देने को कहा था। भगवान भोलेनाथ ने यह संदेश धरती पर मनुष्य के हित को ध्यान में रखकर बसव को दिया था। किंतु उसने धरती पर जाकर पृथ्वीवासियों को इसके विपरीत सलाह दी और उसने महादेव के आदेश की अवहेलना की। भगवान शिव बसव के व्यवहार से क्रोधित हुए और उन्होंने बैल बसव को श्राप दे दिया और कहा कि वह सदा के लिए धरती पर रहने के लिए स्वर्ग से निकाल दिया गया हैं और अब उसको ज्यादा अन्न उपजाने के लिए मानव की मदद के लिए हल जोतना होगा। इस तरह पोंगल का त्यौहार जानवरों से सम्बन्ध रखता है ।

भगवान श्रीकृष्ण की पोंगल कथा

पोंगल से जुड़ी एक कथा भगवान श्रीकृष्ण और इंद्रदेव से जुड़ी हुई है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने बचपन में इंद्र को सबक सिखाने का निर्णय लिया था। इंद्र को देवताओं के राजा होने के कारण घमंड हो गया था। श्रीकृष्ण ने अपने गोप-गोपियों को इंद्र की पूजा करने से मना कर दिया था। जब इंद्र को इस बात का पता चला तो वो बहुत नाराज हुए और उन्होंने दंड देने के लिए तूफानी बारिश की। ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी सी अंगुली में उठा लिया था। इंद्र को जैसे ही अपनी गलती का अहसास हुआ, उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमायाचना की और इसके साथ ही इंद्र का घमंड भी चूर हो गया।

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