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Gupta Navratri 2022: देवताओं और ऋषि-मुनियों ने ऐसा किया है गुप्त नवरात्रि का गुणगान

Gupta Navratri 2022: गुप्त नवरात्रि को मनोकामनाओं की सिद्धी के लिए काफी प्रभावकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान देवी आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि का महिमामंडन किय़ा गया है और देवताओं के साथ ऋषि-मुनियों ने इसका बहुत गुणगान किया है।

  • महर्षि ऋंगी ने गुप्त नवरात्रि का महत्व बतलाया था जिसके अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी अपने भक्तों को दर्शन दे रहे थे। उसी समय एक स्त्री ने महर्षि से करबद्ध होकर प्रार्थना की कि उसका पति सदैव दुर्व्यसनों में लिप्त रहता है और धर्म-कर्म से दूर रहता है और कभी भी कोई पवित्र कार्य नहीं करता है। महिला ने कहा कि मैं अपने पति को देवी दुर्गा की भक्ति कर सत्य और धर्म के मार्ग पर लाना चाहती हूं इसलिए कोई उपाय बताओ। तब महर्षि ऋंगी ने महिला को गुप्त नवरात्रि का उपाय बतलाया।
  • ‘दुर्गावरिवस्या’ नामक ग्रंथ के अनुसार माघ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि आध्यात्मिक बल प्रदान करने के साथ संयमित होकर धार्मिक रीति से पूजा-विधान करने से मानव की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  • ‘शिवसंहिता’ के अनुसार गुप्त नवरात्रि भगवान भोलेनाथ और आदिशक्ति मां पार्वती की उपासना के लिए भी श्रेष्ठ है।
  • गुप्त नवरात्रि में दशमहाविद्याओं की साधना कर ऋषि विश्वामित्र अद्भुत शक्तियों के स्वामी बन गए थे। अपनी सिद्दियों के बल पर उन्होंने एक नई सृष्टि की रचना कर डाली थी।
  • गुप्त नवरात्रि में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने आदिशक्ति भवानी की आराधना कर अपनी खोई हुई शक्ति प्राप्त की थी।
  • लंकापति रावण के पुत्र मेघनाद ने तुलनीय शक्तियां प्राप्त करने के उद्देश से गुप्त नवरात्रि में साधना की थी। शुक्राचार्य ने मेघनाद को बताया था कि गुप्त नवरात्रि में कुलदेवी निकुम्बाला की साधना करके वह अमोघ शक्तियों प्राप्त कर अजेय बन सकता है।
  • गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवी स्वरुप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है।
  • गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है।
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