आज भारतीय कवयित्री पद्म भूषण बालमणि अम्मा की 113वीं जयंती मना रहा है। बालामणि अम्मा का जन्म 19 जुलाई 1909 को ब्रिटिश इंडिया के मालाबार जिले में हुआ था। गूगल ने उनकी जयंती को सेलिब्रेट करने के लिए डूडल बनाया है, जिसमें उनके जीवन और काम को दिखाया गया है। इसे केरल के आर्टिस्ट देविका रामचंद्रन ने तैयार किया है. बालमणि अम्मा मलयालम साहित्य की दादी अम्मा के तौर पर मशहूर हैं।
साल 1909 में केरल के त्रिशूर जिले में जन्मी बालमणि अम्मा ने अपने साहित्यिक कामों के लिए कई पुरस्कार पाए हैं. उन्हें मिले सम्मान में पद्म विभूषण भी शामिल है. अम्मा की पहली कविता कोप्पुकाई, 1930 में प्रकाशित हुई थी. बालमणि को कोचीन साम्राज्य के पूर्व शासक परीक्षित थंपुरन से एक प्रतिभाशाली कवि के तौर पर पहचान मिली. थंपुरन ने उन्हें साहित्य निपुण पुरस्कारम से सम्मानित किया था. अम्मा की कविताओं में पौराणिक पात्रों और कहानियों में महिलाओं और मातृत्व को शक्तिशाली शख्सियत के तौर पर प्रस्तुत किया गया. उनकी कविताओं की वजह से उन्हें मातृत्व की कवयित्री के रूप में पहचाना जाने लगा. उनकी प्रसिद्ध कविताओं में अम्मा (1934), मुथस्सी (1962), मजुविंते कथा (1966) शामिल हैं।