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Ganesh Chaturthi 2021: इन पांच वस्तुओं को श्रीगणेश को समर्पित करने से होता है विघ्नों का नाश

Ganesh Chaturthi 2021: श्रीगणेश की पूजा समस्त देवों में सर्वप्रथम करने का शास्त्रोक्त प्रावधान है। इसलिए शुभ कार्यों के प्रारंभ में गणेशजी की पूजा सबसे पहले विशेष रूप से की जाती है। भगवान गणेश को विभिन्न वस्तुए समर्पित कर उनको प्रसन्न किया जाता है और उनकी कृपा से समस्त कार्य निर्विघ्न संपन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। अब जानते पांच प्रमुख वस्तुओं के संबंध में जिनको समर्पित करने से श्रीगणेश शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।

मोदक के लड्डू

श्रीगणेश को मोदक अतिप्रिय है। मोदक का नैवेद्य लगाने से गणेशजी प्रसन्न होते हैं। गणेशोत्सव के अवसर पर भक्त गजानन भगवान को विभिन्न तरह के मोदक बनाकर भोग लगाते हैं। इसके साथ ही श्रीगणेश को बेसन के लड्डू, बूंदी के लड्डू नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी बहुत पसंद है। श्रीगणेश को घी और गुड़ का भोग भी लगाया जाता है।

दुर्वा

श्रीगणेश को दुर्वा समर्पित की जाती है। मान्यता है कि श्रीगणेश को दुर्वा समर्पित करने से उनके उदर की अग्नि सांत होती है इसलिए भक्तगण गणेशजी को पांच, ग्यारह, इक्कीस की संख्या में दुर्वा श्रीगणेश को समर्पित करते हैं।

पुष्प

श्रीगणेश को समस्त फूलों को चढ़ाने का शास्त्रों में विधान है। सुगंधित, ताजे और विभिन्न ऋतुओं के फूलों को श्रीगणेश को समर्पित किया जाता है। गणेशजी को रक्तवर्ण अर्थात लाल फूल चढ़ाने का विशेष महत्व है। जैसे गुड़हल का फूल श्रीगणेश को विशेष प्रिय है।

फल

श्रीगणेश को फलों का भोग लगाया जाता है। फलों में केले और श्रीफल यानी नारियल गणेशजी को प्रिय है। किंतु केले का भोग लगाते समय इस बात का विशेष ख्याल रखें कि केले जोड़े से यानी दो केले का भोग लगाएं।

सिंदूर

श्रीगणेश को सिंदूर समर्पित करने की शास्त्रोक्त परंपरा है। मान्यता है कि सिंदूर चढ़ाने से गणेशजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

शिवपुराण में उल्लेख

सिंदूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है और विघ्नहर्ता श्रीगणेश सिंदूर चढ़ाने से प्रसन्न होकर भक्तों की विघ्न-बाधाओं का नाश करते हैं। गणपति-गजानन को सिंदूर चढ़ाने के संदर्भ में शिवपुराण में एक श्लोक का वर्णन किया गया है।

आनने तव सिंदूरं दृश्यते साम्प्रतं यतदि।
तस्मात् त्वं पूजनीयो असि सिंदूरेण सदा नरै:।।

अर्थात जब महादेव ने गणेशजी का सिर काट दिया था और उसकी जगह पर हाथी का मस्तक लगाया जा रहा था तब उससे पहले उस स्तान पर सिंदूर का लेपन किया जा रहा था। उस समय माता पार्वती ने सिंदूर का लेपन होते देखकर श्रीगणेश से कहा था कि जिस सिंदूर से उनके मुख पर विलेपन हो रहा है भक्त सदैव इस सिंदूर से सदैव उनकी आराधना करेंगे। इसलिए भगवान गजनन को सिंदूर समर्पित किया जाता है।

इसके अलावा श्रीगणेश की पूजा में जनेऊ, वस्त्र, मौली, सुपारी, साबुत हल्दी, पान, मेंहदी, अबीर, कुमकुम, गुलाल, अक्षत आदि समर्पित करें।

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