इंदौर। इंदौर प्रदेश का एकमात्र शहर है, जहां इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में किया जा रहा है। साथ ही स्वच्छता में नंबर वन वह भी चार बार होने और इनोवेशन के लिए स्मार्ट शहर कहे जाने वाले शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी अब स्मार्ट होने जा रहा है। इसी कडी में अब शहर में विभिन्न स्थानों पर डेढ़ सौ नए चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। जहां से आसानी से चार्जिंग के बाद इलेक्ट्रिक बसें शहर के विभिन्न रूटों पर दौड़ सकेंगी। इससे शहर में बढ़ रहे प्रदूषण से भी निजात मिलेगी।
शहर में पहली बार केंद्र सरकार ने नवंबर 2000 में ई-व्हीकल प्रमोशन स्कीम, फेम 1 के तहत 40 बसें चलाई थी, जो अब भी शहर के 5 रूटों पर सफलतापूर्वक पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप में दौड़ रही है। इसी योजना के तहत 100 ई-रिक्शा चलाए गए थे, जो आज भी कई महिलाओं की आजीविका का महत्वपूर्ण साधन हैं। गौरतलब है कि शुरुआती दौर में इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए राजीव गांधी चौराहे पर बस डिपो तैयार किया गया था, जहां कुछ चार्जिंग पॉइंट बनाए गए थे। यहीं से बसों को चार्ज कर संचालित किया जा रहा है। हालांकि पहले चरण में करीब 12 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक डिपो और टर्मिनल के टेंडर भी हुए थे, जिसे अब विकसित किया जा रहा है।
150 चार्जिंग पॉइंट
ई-परिवहन में पहले चरण की सफलता के बाद अब फेम 2 स्कीम यानी फास्टर अडोप्शन एंड मेन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स के तहत दो चरणों में करीब 150 चार्जिंग पॉइंट बनाए जाने की तैयारी है। इसके अलावा केंद्र सरकार की स्वीकृति के बाद इंदौर के एआईसीपीएल ने अतिरिक्त 100 बसों के लिए टेंडर जारी किया है। इसके तहत जल्द ही इन बसों की आपूर्ति इंदौर को होगी।
फिलहाल, कोशिश की जा रही है कि शहर के विभिन्न रूटों पर यह चार्जिंग प्वाइंट स्थापित हो, जिससे कि एक स्टाफ से दूसरे स्टाफ के बीच बस ऑपरेटर आवश्यकता अनुसार बसों की चार्जिंग के बाद उन्हें दौड़ा सकें। इसके अलावा ई-रिक्शा के लिए भी चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। इन चार्जिंग पॉइंट के अलावा डिपो में इलेक्ट्रिक बसों का रखरखाव पर भी कार्य किया जा सकेगा। फिलहाल रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट मालवा मिल से चंदन नगर गंगवाल बस स्टैंड से खजराना तीन इमली चौराहे से चाणक्यपुरी और हवा बंगला से बाणगंगा के लिए इलेक्ट्रिक बसें, वहीं शहर के करीब 100 ई-रिक्शा करीब एक दर्जन बस स्टॉप पर उपलब्ध है। इनके लिए भी करीब इतने ही रूट बनाए गए हैं।
पॉवर बैकअप करीब 70 किलोमीटर का
इंदौर में एआईसीपीएल के इलेक्ट्रिक बस डिपो के प्रभारी प्रकाश राय के अनुसार, फिलहाल जिन रूटों पर बसें दौड़ रही हैं। उनमें पॉवर बैकअप करीब 70 किलोमीटर का होता है। करीब 1 घंटे की चार्जिंग के बाद बसों की बैटरी चार्ज हो जाती है। इसके बाद बसें लगातार 70 किलोमीटर तक दौड़ सकती हैं। अब जबकि नए चार्जिंग पॉइंट स्थापित होंगे तो बसों के शुरुआती और अंतिम स्टाप पर भी बसों को आवश्यकतानुसार चार्ज किया जा सकेगा।