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दो महीने में शेल्टर होम से फरार हुई 10 बांग्लादेशी लड़कियां, बेखबर रही पुलिस

इंदौर। बाणगंगा स्थित वृद्धाश्रम शेल्टर होम से 10 बांग्लादेशी लड़कियों के भागने की खबर ने पुलिस की नींद उड़ा दी है। बुधवार रात ये युवतियां शेल्टर होम से रस्सी के सहारे भागीं। रातभर पुलिस युवतियों को तलाशती रही। जानकारी के मुताबिक शेल्टर होम से भागी युवतियों को सेक्स रैकेट के सौदागरों ने देह व्यापार में धकेला था। सभी युवतियों को होटल में बंधक बना रखा था। इन्हें एमडी ड्रग की कार्रवाई कर रही विजय नगर पुलिस ने होटल से छुड़ाया था। बाद में पुलिस ने सैक्स रैकेट के सरगना को दिल्ली से पकड़ा था। प्रकरण की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए थे, जिसमें बांग्लादेशी लड़कियों को नौकरी के बहाने जुगाड़ से भारत लाकर उन्हें कई एजेंट ने देह व्यापार और ड्रग के धंधे से जोड़ दिया था। इन लड़कियों की निगरानी के लिए दो थानों के चार पुलिसकर्मी चौबीसों घंटे पहरा भी देते थे।

एसआई स्वराज डाबी के मुताबिक वृंदावन कॉलोनी स्थित शेल्टर होम से 10 बांग्लादेशी लड़कियां कहीं चली गई है। शेल्टर होम संचालक ने इस संबंध में थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई है। जांच में पता चला है की बांग्लादेशी लड़कियों दो-दो और तीन का समूह बनाकर करीब दो माह के अंतराल में गई है। सभी का मूल पता बांग्लादेश है। सभी लड़कियों की तलाश जारी है। उनका पता लगाने के लिए आसपास के थानों में सूचना भेजी गई है। जानकारी के मुताबिक शेल्टर होम में ठहरी युवतियां बुधवार रात रस्सी के सहारे वहां से भागी है। शेल्टर होम संचालक ने इस संबंध में थाने पहुंच गुमशुदगी दर्ज करवाई तब पुलिस को घटना का पता चला।

पुलिस की भूमिका संदिग्ध

आश्रम प्रबंधन के मुताबिक, कोई शख्स आईडी दिखाकर युवतियों को अपने साथ ले गया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि आश्रम प्रबंधन को हमें सूचित करना चाहिए था। मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

भगाने में मानव तस्करों का हाथ होने का शक

जांच में शामिल एक अफसर के मुताबिक जेल में बंद सागर जैन उर्फ सैंडो पर युवतियों की खरीद फरोख्त का भी आरोप है। अहमदाबाद में रहने वाले दलालों को भी गिरफ्तार किया गया है। युवतियों ने अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया है। एसे में शक है दलालों और मानव तस्करों ने ही साजिश पूर्वक युवतियों को फरार करवाया हो। पुलिस संदेहियों और युवतियों की कॉल डिटेल निकाल रही है।

अहमदाबाद भेजी पुलिस टीम

आश्रम की अधीक्षक डॉक्टर नेहा शर्मा का दावा है कि बांग्लादेशी युवतियों को स्वजनों के सुपुर्द किया गया है। गुजरात में रहने वाले स्वजनों आईडी दिखाई और उन्हें ले गए, जबकि बाणगंगा थाने में युवतियों की गुमशुगदी दर्ज है। पहली काउंसलर महेश शर्मा द्वारा गुमशुदगी 10 मार्च को करवाई जिसमें कहा कि आश्रम से चार लड़कियां भाग गई। दूसरा केस 14 अप्रैल और तीसरा 28 जून को दर्ज हुआ। टीआई ज्योति शर्मा के मुताबिक युवतियां साड़ी से रस्सी बनाकर भागी है। उनकी तलाश में अहमदाबाद टीमें भेजी है। कुछ संदेहियों के मोबाइल नंबर मिलें है। एक युवती से बहन से पूछताछ भी हुई है।

पिछले साल छुड़ाया था 16 लड़कियों को

मालूम हो गत वर्ष अक्टूबर में विजय नगर पुलिस ने शहर में एमडी ड्रग्स की सप्लाई करने वाले गिरोह की असलीयत उजागर की थी। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने महालक्ष्मी नगर स्थित होटल में बंधक 16 लड़कियों को छुड़ाया था। तब पुलिस जांच में पता चला था की इनमें 10 लड़कियां बांग्लादेशी हैं। वहीं छह अन्य राज्य की रहने वाली हैं। बाद में पता चला था की इन सभी लड़कियों का कनेक्शन सैक्स रेकैट के सरगना सागर जैन उर्फ सेंडों से है। आरोपी सागर जैन सभी लड़कियों से शहर में ड्रग्स सप्लाई करवाता था। जांच में पता चला था कि सागर का गिरोह शहर के युवाओं को एमडी ड्रग का आदी बना रहा है। इसके बाद थाना पुलिस ने फरार आरोपी सागर जैन को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

इसलिए गंभीर है मामला

पिछले साल पुलिस ने युवतियों का रेस्क्यू तो कर लिया लेकिन देशभर में ऐसी लड़कियों की संख्या एक हजार से ज्यादा बताई जा रही है। इन युवतियों के जरिये नशे के कारोबार का भी लिंक मिला था। यह जानकारी आईबी और विदेश मंत्रालय से साझा की गई थी।

नौकरी के झांसा देकर भारत लाए थे

जानकारी के मुताबिक होटल में बंधक युवतियों को छुड़वाने के बाद पुलिस को पता चला था की सभी लड़कियां बांग्लादेश की मूल निवासी हैं। सभी लड़कियां गरीब परिवार की है, जिन्हें बांग्लादेशी एजेंट नौकरी का झांसा देकर बार्डर क्रॉस करवाकर भारत लाए है। बांग्लादेशी एजेंट लड़कियों को भारत के एजेंट के सुपुर्द कर देते। इसके बाद लड़कियों को कोलकाता में ट्रेनिंग देने के बाद मुंबई लाया जाता। फिर सभी को देह व्यापार में धकेला जाता।

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