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Delhi-Mumbai Expressway: 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई तक सफर, पांच राज्यों के लोगों को मिलेगा फायदा

इंदौर, भोपाल, रतलाम। हाल ही में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभ‍िभाषण में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का जिक्र किया था। उन्‍होंने कहा कि यह देश का सबसे लंबा हाईवे होगा और इसके जल्‍द पूरे होने की उम्‍मीद है। दरअसल भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे अब लगभग बनकर तैयार हो चुका है। बस अब फिनिशिंग का काम बाकी है जो काफी तेजी से चल रहा है। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेस वे का काम 96 फीसदी तक पूरा हो चुका है। अब जल्द ही इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने की उम्मीद भी जताई जा रही है।

यह एक्सप्रेस वे मालवा-निमाड़ क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खोलेगा। इससे धार, झाबुआ, रतलाम, देवास, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर दिल्ली-मुंबई, गुजरात और राजस्थान सीधे कनेक्ट हो जाएंगे। इन जिलों के किसान बड़ी मंडियों में अपनी उपज बेच सकेंगे। सब्जियां भी लंबी दूरी की मंडियों तक आसानी से कम समय में पहुंच सकेंगी। कोचिंग सिटी कोटा पहुंचने में इन जिलों के छात्रों को कम समय लगेगा। दिल्ली-मुंबई और गुजरात-राजस्थान की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले छात्रों को भी सहूलियत हो जाएगी। कच्चा माल दिल्ली, मुंबई सहित अन्य प्रदेशों की राजधानियों से आना आसान होगा। औद्योगिक एवं वित्तीय विकास से नौकरियों के अवसर बनेंगे।


मप्र में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेस-वे में बनाए जाएंगे, जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यापारिक केंद्र के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

इस एक्सप्रेस-वे से भोपाल के आसपास के शहरों से दिल्ली-मुंबई के लिए नया रास्ता खुलेगा। इसके अलावा अगर एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते समय कोई दुर्घटना हो जाती है तो एक्सप्रेसवे के किनारे ही उपचार मिलेगा। नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) पीपीपी मॉडल पर एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल बना रही है। रतलाम रेल मंडल होने से इसकी कनेक्टिविटी मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। रतलाम के आसपास उज्जैन, नीमच, इंदौर को भी इसका फायदा मिलेगा।

कब शुरू होगा?

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे हरियाणा के सोहना से शुरू होगा। 1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का काम यूं तो अक्टूबर 2023 तक पूरा होगा, लेकिन पांच चरण के कार्य इसी वर्ष अप्रैल तक पूरे हो जाएंगे। इस हाईवे पर सफर का अपना अलग ही आनंद होगा। हालांकि यह पूरी तरह से टोल शुल्क पर आधारित है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परिचालन में आने के बाद केंद्र सरकार को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का टोल रेवेन्यू देगा।

रतलाम-मुंबई की दूरी 125 किमी कम होगी

एक्सप्रेस वे के बन जाने से रतलाम से मुंबई के बीच 125 किमी दूरी कम होगी। रतलाम से दिल्ली के बीच 150 किमी दूरी कम होगी। उज्जैन, देवास, इंदौर को भी जोड़ा जाएगा।

तीन जिलों में लंबाई 244 किमी

मध्यप्रदेश के तीनों जिलों में (झाबुआ में 50.5 किमी, रतलाम में 91.1 किमी और मंदसौर में 102.8 किमी) एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 244 किमी है।

प्रदेश में 8 इंटरसेक्शन

मध्यप्रदेश में 8 इंटरसेक्शन इस एक्सप्रेस-वे में बनाए जाएंगे, जिनके जरिये प्रदेश की सड़कें जुड़ेंगी। इसमें रतलाम में धामनोद, रावटी, जावरा, नामली, मंदसौर में भानपुरा, गरोठ, सीतामऊ और झाबुआ में थांदला के पास इंटरसेक्शन बनाया जा रहा है। इन्हीं इंटरसेक्शन से लोग एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे और उतरकर अपने जिले में प्रवेश कर सकेंगे। हर इंटरसेक्शन के दोनों तरफ टोल नाके बनेंगे। एक्सप्रेस-वे पर जाने से पहले वाहन चालकों को टोल चुकाना होगा।

यहां से मप्र में प्रवेश

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे, वडोदरा की ओर से मध्यप्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में प्रवेश करेगा। यह थांदला, सैलाना, खेजड़िया, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा जबकि दिल्ली की ओर से यह राजस्थान के भवानीमंडी क्षेत्र से मप्र सीमा में एंट्री करेगा।

रतलाम जिले के 87 गांवों से गुजरेगा

झाबुआ के तलावड़ा से महूड़ी का माल से एक्सप्रेस-वे रतलाम में प्रवेश करेगा। रावटी, सैलाना, पिपलौदा, व जावरा के कुम्हारी होकर मंदसौर के लसुड़िया से मंदसौर जिले में जाएगा। रतलाम जिले के 87 गांवों से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे होकर गुजरेगा। एक्सप्रेस-वे गरोठ में शामगढ़ रोड और भानपुरा में नीमथुर से प्रवेश कर सकेंगे।

मंदसौर जिले में एंट्री सीतामऊ से भी

मंदसौर जिले से एक एंट्री सीतामऊ से भी मिलेगी। गरोठ और जावरा में लॉजिस्टिक हब बनाया जाएगा। बसई के पास की जमीन पर उद्योग लगाए जाएंगे। इसी तरह कई जगह कंटेनर जोन भी बनाए जा सकते हैं. यह एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में प्रगति के रास्ते खोलेगा।

इंदौर से ऐसे होगी कनेक्टिविटी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से इंदौर, उज्जैन को भी जोड़ा जा रहा है। देवास, उज्जैन और गरोठ के बीच नया फोर लेन रोड बनाकर इंदौर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जा रहा है। इंदौर से गरोठ तक कुल 173 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनाई जा रही है। अभी इंदौर से गरोठ जाने के लिए घूमकर 240 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसमें साढ़े चार से पांच घंटे लगते हैं। नया फोरलेन बनने के बाद इंदौर से गरोठ के बीच की दूरी घटकर 190 किलोमीटर रह जाएगी, जिसे सवा दो से ढाई घंटे लगेंगे।

मप्र में बन रहे इतने पुल-पुलिया

-214 पुल
-511 पुलियां
-100 छोटे-बड़े अंडरपास
-7 टोल बूथ

एक्‍सप्रेस-वे की खासियत:

  • मौजूदा समय में यह एक्सप्रेस-वे आठ लेन का है, जिसे ट्रैफ‍िक लोड के अनुसार 12 लेन तक किया जा सकता है।
  • इस एक्सप्रेस-वे के किनारे रिजॉर्ट्स, फूड कोर्ट्स, रेस्तरां, फ्यूल स्टेशंस, लॉजिस्टिक पार्क और ट्रक वालों के लिए फैसिलिटीज जैसी सुविधाएं होगी।
  • अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सर्विस होगी और हेलीपोर्ट की सुविधा होगी, जिससे बिजनेस के लिए ड्रोन सर्विसेज का प्रयोग किया जाएगा।
  • हाईवे पर 20 लाख से अधिक पेड़ों व झाड़ियों को लगाने की योजना है।
  • यह एशिया का पहला और दूसरा हाईवे प्रोजेक्ट है जिसमें जानवरों के लिए भी रास्ते बनाए जाएंगे ताकि वाइल्डलाइफ असर ना पड़े।
  • प्रोजेक्ट के तहत आठ लेन वाली दो सुरंगों का भी निर्माण होगा।
  • इस हाई से सालाना 32 लाख लीटर से अधिक आॅयल सेविंग होगी और कॉर्बन डाई आॅक्साइड उत्सजर्न में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी।
  • इस प्रोजेक्‍ट में 12 लाख टन स्टील का यूज होगा और जिससे देश में 50 हावड़ा ब्रिज बनाए जा सकते हैं।
  • प्रोजेक्ट के तहत 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी जो देश में सालाना सीमेंट उत्पादन का करीब 2 फीसदी है।
  • इस एक्सप्रेस-वे के चलते 50 लाख से अधिक दिनों के काम के साथ हजारों प्रशिक्षित सिविल इंजीनियरों को रोजगार मिला है।

समय, पेट्रोल-डीजल की बचत:
इस हाईवे पर दिल्ली व हरियाणा से मुंबई जाने में 24 की बजाए महज 12 घंटे लगेंगे। देश में ऐसे और बहुत से हाईवे बनाने जा रहे हैं, जिस पर सफर करने से न केवल लोगों का समय बचेगा, बल्कि पेट्रोल व डीजल की भी बचत होगी।
-नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री


-2018 में हुई थी दिल्‍ली मुंबई हाईवे प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी।
-9 मार्च 2019 को रखा गया था फाउंडेशन स्‍टोन
-1380 किलोमीटर है इस एक्‍सप्रेस वे की लंबाई
-15 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन एक्‍वायर की गई

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