उज्जैन। 52 शक्तिपीठों में से 1 शक्तिपीठ माता हरसिद्धि का मंदिर है। जहां प्रतिदिन संध्या आरती में दीप मालिकाएं प्रज्वलित की जाती है। लेकिन गुरुवार को दोपहर के समय अचानक से दीप मालिका प्रज्वलित हो गई। जिसने भी दीप मालिका को प्रज्वलित होते देखा उन्होंने इसे माता हरसिद्धि का चमत्कार बताया। वही मंदिर के पुजारी इसे घटना बता रहे है आग की घटना में एक दीप मालिका के दस से 11 दीपक टूट चुके है। मौके पर सूचना के बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने दीप मालिका पर पानी डालकर उसे बुझाया।
बतादें कि देश भर के 52 शक्तिपीठों में से मां हरसिद्धि का एक प्रमुख शक्तिपीठ उज्जैन में है। गुरुवार को दोपहर अचानक माता हरसिद्धि के मंदिर में स्थापित दीप मालिका प्रज्वलित हो गई। जिसने भी दोपहर के समय दीप मालिका प्रज्वलित होते देखा उसने इसे माता का चमत्कार बताया।
अचानक दीप मालिका प्रज्वलित होने की खबर मिलते ही आसपास के लोग मंदिर पहुंचने लगे। मंदिर में मौजूद पुजारी और प्रशासनिक लोगों ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना दी जहां मौके पर पहुंची दो दमकल गाड़ियों ने दीप मालिका पर पानी डालकर उसे बुझाया आसपास के लोगों ने बताया कि फायर ब्रिगेड की दो गाड़ी मौके पर पहुंची थी जहां सबसे पहले पहुंचने वाली फायर फाइटर आग नहीं बुझा पाई क्योंकि वहां अज्ञात कारणों के चलते खराब हो गई थी आज हुई इस प्रकार की घटना पहले भी सिंहस्थ के पूर्व हो चुकी है।
लकड़ी का बुरादे का उपयोग किया जाता है
दीप मालिका में अचानक आग लगने को लेकर मंदिर के पुजारी राजेश गोस्वामी ने बताया कि प्रतिदिन शाम के समय दीप मालिका प्रज्वलित की जाती है जिसके उपयोग के लिए तेल के साथ ही लकड़ी का बुरादे का उपयोग किया जाता है दीप जलते वक्त दीपमालिका पर ऊपर चढ़ने में पकड़ बनी रहे इस लिए उपयोग किया जाता है। मंदिर में कुछ दर्शनार्थी साउथ से आये थे जिन्होंने दीप मालिका के नीचे कई दीप प्रज्वलित किए थे जिसके चलते तेल और लकड़ी के बुरादे में आग के संपर्क में आया और दीप मालिका में आग लग गई।
प्रज्वलित हुई तो लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं।
आपको बता दें कि माता हरसिद्धि राजा विक्रमादित्य की आराध्य देवी है जब वे दिप राग गाते थे तब दीप मालिका है अपने आप प्रज्वलित हो जाती थी लेकिन दोपहर में जब दीप मालिका अपने आप प्रज्वलित हुई तो लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं। दीप मालिका जलने के कारण 10 से 12 दीपक के स्टेंड टूट गए है अब प्रतिकात्मक रूप से नीचे ही दीप लगाया जाएगा। राजस्थान से कारीगर आकर दस से बारह दिनो में मरम्मत की जाएगी।