इंदौर। नगर निगम के नर्मदा प्रोजेक्ट के उपयंत्री अभिषेक हार्डिया की लापरवाही के चक्कर में केट के समीप परमाणु नगर में पानी की पाइप लाइन निजी तौर पर डल रही है। खास बात ये है कि रहवासियों ने निगमायुक्त को आवेदन किया और इसके तुरंत बाद काम शुरू करवा दिया गया। बताया जाता है कि निगम के ही ठेकेदार से ये काम रहवासियों से 14 लाख रुपए एकत्र करके करवाया जा रहा है, जबकि ये काम निगम को करवाना था।
केट के कर्मचारी रहते हैं कॉलोनी में
इस कॉलोनी में केट में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी रहते हैं। इस कॉलोनी के बसने के वक्त से ही पानी की पाइप लाइन नहीं डली थी। इसके लिए रहवासियों ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल को आवेदन दिया था। उन्होंने इस आवेदन पर नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव के लिए रिमार्क लगाया कि नियमानुसार कार्रवाई करें। इसका मतलब था कि निगम पाइप लाइन डालने की कार्रवाई करे। अब इसके बाद होना ये था कि उपयंत्री क्षेत्र में जाते और लोगों से मिलकर और मौका मुआयना कर एक नोटशीट तैयार की जाती जो निगमायुक्त तक जाती। वहां से एप्रूव होकर उस पर ठेकेदार को वर्कआॅर्डर दिया जाता और काम शुरू होता, लेकिन इस मामले में हुआ ये है कि रहवासियों ने निगमायुक्त प्रतिभा पाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने इस पर नर्मदा प्रोजेक्ट के कार्यपालन यंत्री के नाम रिमार्क लगाकर भेजा, लेकिन इस बीच काम शुरू हो गया।
नगर निगम को करवाना था काम
सूत्रों का कहना है कि उपयंत्री अभिषेक हार्डिया ने रहवासियों से कहा कि वे जनभागीदारी से पाइप लाइन डलवाएं। इसके लिए 14 लाख रुपए का बजट है, क्योंकि निगम बनाएगा तो काम शुरू होने में साल भर लग जाएगा। रहवासी तुरंत राजी हो गए और ताबड़तोड़ पैसा एकत्र हो गया। इसमें से 6 लाख रुपए के पाइप और करीब 3 लाख रुपए का अन्य मटेरियल आ गया और काम शुरू हो गया। करीब एक किमी लंबी नर्मदा की पाइप लाइन डालने की काम इतनी तेजी से चला कि अब पूर्णता की ओर है। पाइप लाइन डालने का काम कर रहा ठेकेदार सोमल जैन निगम की अधिकृत ठेकेदार है।
सूत्र बताते हैं कि काम तो निगम के खर्च से ही हो रहा है, रहवासियों से ली गई राशि जेब में चली गई है। इसे रहवासी भी समझ नहीं पा रहे हैं। वे ये सोचकर खुश हैं कि उनकी कॉलोनी में जहां कि अभी सारे घर बने भी नहीं हैं, पानी की पाइप लाइन डल गई है। जब रहवासी टंकी से कनेक्शन कराने के लिए आवेदन करेंगे। निगम की मुख्य लाइन से बल्क कनेक्शन के लिए भी प्रत्येक नोटशीट वरिष्ठ कार्यालय में प्रेषित की जानी थी, लेकिन हार्डिया ने नियम विरुद्ध रहवासियों को लाइन का नगद भुगतान करवा लिया।
अब पानी मिल जाएगा
पाइप लाइन डालने का काम हमने अपने पैसों से करवाया है। कहीं कोई गड़बड़ नहीं हुई है। हमें पानी मिल जाएगा, इसका संतोष है। अब तक 9 लाख रुपए लगा चुके हैं। शेष जो भी खर्च होगा, वो करेंगे। रवि चौधरी, वरिष्ठ सदस्य, परमाणु नगर रहवासी संघ
मैं निजी ठेके भी लेता हूं
मैं जोन 14 का निगम का अधिकृत ठेकेदार हूं। निजी ठेके भी लेता हूं। परमाणु नगर में मुझे पाइप लाइन डालने को कहा गया, मैंने अपना काम कर दिया। जहां तक गड़बड़ी की बात है तो मैं उस बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। ठेकेदार सोमल जैन
कोई गड़बड़ी नहीं हुई
किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। रहवासियों ने निजी तौर पर काम करवाया है। सारे ही काम निगम नहीं कर सकता। जो रहवासी चाहें वो निजी तौर पर काम करवा सकते हैं। बाद में उन्हें पाइप लाइन से जोड़ेंगे।अभिषेक हार्डिया, उपयंत्री जोन क्र. 14