Mradhubhashi
Search
Close this search box.

कम किराए में मुसाफिरों को रेलवे देगा AC क्लास का लुत्फ, इस योजना पर हो रहा है काम

नई दिल्ली। अब सस्ती दर पर एसी ट्रेन में लोगों को सफर करने की सुविधा मिलेगी। दरअसल, एसी3 इकोनॉमी क्लास कोचों में सामान्‍य एसी3 टियर कोच की तुलना में सफर सस्‍ता होगा। भारतीय रेल ने नए एसी-3 इकोनॉमी क्लास का किराया तय कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसका किराया एसी-3 क्लास के किराये से करीब 8 फीसदी कम होगा। एसी3 इकोनॉमी क्लास कोचों में कुछ खास सुविधाएं रखी गई हैं। रेलवे ऐसे कोच को ट्रेनों में लगाने जा रहा है। इसके लिए ट्रेनों से स्लीपर क्लास के कोच कम किए जाएंगे। भविष्य में गरीब रथ ट्रेनों में भी एसी-3 इकॉनोमी कोच ही इस्तेमाल किए जाएंगे। इसका मकसद स्लीपर क्लास के मुसाफिरों को कम किराये में एसी क्लास में सफर का मौका देना है।

इस साल 800 कोच तैयार होंगे

फिलहाल कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में एसी3 इकॉनोमी क्लास के 50 कोच तैयार किए गए हैं। ये कोच देशभर में अलग-अलग रेलवे जोन को भेजा गया है। अभी इन्हें अलग-अलग ट्रेनों में लगाने की योजना तैयार की जा रही है। रेलवे इस साल एसी-3 इकॉनोमी के 800 कोच तैयार करने जा रहा है। इनमें 300 कोच इंटिग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई, 285 कोच मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली और 177 रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में तैयार किए जाएंगे।

रेलवे को होगा ज्यादा फायदा

एसी3 टियर इकॉनोमी क्लास में 83 बर्थ हैं। इसके लिए साइड में 2 की जगह 3 बर्थ रखे गए हैं। जबकि एसी3 में 72 बर्थ होते हैं। यानी एसी-3 इकॉनोमी क्लास में एसी3 के मुकाबले करीब 15 फीसदी ज्यादा बर्थ हैं। इसका मतलब है कि रेलवे को एसी-3 इकोनॉमी क्लास के कोच से ज्यादा फायदा होने वाला है।

यह है गरीब रथ ट्रेनों के लिए योजना

पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के जमाने में भी साइड में 3 बर्थ के साथ गरीब रथ ट्रेनें शुरू की गई थीं। हालांकि गरीब रथ का किराया एसी3 के किराये से 15 फीसदी कम रखा गया था। रेलवे में अब भी 26 गरीब रथ ट्रेनें अप-डाउन में चलती हैं। यानी कुल 52 गरीब रथ ट्रेनें अब भी सेवा में हैं। इन ट्रेनों के लिए रेलवे के पास 25 रेक हैं। रेलवे की योजना इन रेक को एक-एक कर हटाना है और उनकी जगह पर एसी-3 इकॉनोमी के कोच लगाना है। अगर उन ट्रेनों में भी एसी-3 इकोनॉमी का किराया लागू किया जाता है तो आने वाले समय में गरीब रथ ट्रेनों के किराये में करीब 10 फीसदी की बढ़ोेत्तरी हो सकती है।

किससे कितना नुकसान

  • रेलवे को AC 3 क्लास से 7 फीसदी का फायदा होता है।
  • सब अर्बन ट्रेन पर 64 फीसद का नुकसान उठाना पड़ता है जबकि नॉन सब अर्बन ट्रेन के सवारी डिब्बों पर 40 फीसद का नुकसान।
  • AC 1 पर करीब 24 फीसदी का नुकसान, एसी 2 पर करीब 27 फीसदी नुकसान।-स्लीपर क्लास से करीब 34 फीसदी का नुकसान और चेयर कार से करीब 16 फीसदी का नुसकान होता है।
  • रेलवे को केवल एसी 3 क्लास के सवारियों को ढोने में फायदा होता है, इसलिए एसी-3 कोच को बढ़ाने से उसका नुकसान कम होता जाएगा।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट