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इंदौर पहुंचकर सीएम ने ली अधिकारियों की बैठक ,ब्लैक फंगस इंजेक्शन के लिए परेशान परिजन पहुंचे मिलने

मुख्यमंत्री से ब्लैक फंगस इंजेक्शन के लिए परेशान परिजन पहुंचे मिलने

इंदौर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने एक दिवसीय दौरे पर इंदौर पहुंचे एयरपोर्ट से सीधे उनके द्वारा कलेक्टर कार्यालय में अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर ग्राम पंचायत स्तर पर बनाई गई । क्राइसिस कमेटी के लोगों से ऑनलाईन चर्चा कर बैठक में ब्लैक फंगस सहित अन्य कई मुद्दों पर अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए गए ।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कलेक्टर कार्यालय के सभागृह में संभाग स्तर के जिला प्रशासन नगर निगम पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों से कोरोना बीमारी व ब्लैक फंगस को लेकर चर्चा की गई बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि हर जिले में एक पोस्ट कोविड-19 का निर्माण किया जाना है। इंदौर के मेडिकल कालेज में बन चुका है तो वही डॉक्टर व बीमारी के विशेषज्ञ ब्लैक फंगस को शुरुआती दौर में ही जांच लें तो इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। फंगस के लिए केवल मेजर इनोस्कोपी करने की आवश्यकता होती है काफी सस्ता उपकरण से ही जाँच की जा सकती है और इस बीमारी को नाक में ही जांच कर इलाज शुरू कर दिया जाए तो मरीज के शरीर में अन्य भागों में फैलने से रोका जा सकता है इस बीमारी और महामारी को हम आंदोलन के रूप में लेने की जरूरत है बीमारी को लेकर जरा सी भी संदेह हो तो तुरंत जांच कर इलाज शुरू करने की आवश्यकता है ।

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज के परिजन पहुंचे कलेक्टोरेट के बाहर

मुख्यमंत्री के आने की सूचना मिलते ही उन परिजनों में एक आस जाग गई जिनके अपने ब्लैक फंगस का शिकार हुए है। ब्लैक फंगस में लगने वाली दवाइयां भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। जिसकी सूचना देने के लिए कुछ परिजन मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले पहुंच गए। कलेक्टोरेट के बाहर कुछ परिजन ने तो इंजेक्शन लेने के लिए SDM अंशुल खरे के पकड़ पैर पकड़ लिए। एक परिजन ने कहा कि मेरे पिता की जान खतरे में है। मुझे इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस के चक्कर लगा रहा हूं। इस पर SDM ने तत्काल CMHO से बात कर परिजन को अस्पताल भिजवाया।

सीएम ने संक्रमण की चुनौतियां के आधार पर चिंता जाहिर की है

चौहान ने बताया ग्रामीण क्षेत्रों में उपार्जन पूरी तरह से समाप्त हो गया है तो किसानों का ध्यान रखते हुए भी अनेकों योजनाएं संचालित की जा रही है प्रदेश में संक्रमण काफी नियंत्रण में है लेकिन इंदौर शहर में अभी भी चुनौतियां बनी हुई है चुनौतियों में नंबर वन पर इंदौर नम्बर दो पर खरगोन और नंबर 3 पर धार जिले को सीएम ने संक्रमण की चुनौतियां के आधार पर चिंता जाहिर की है ।

इंदौर शहर को 10 से 11 दिन बाद पटरी पर लाया जाएगा

इन्दौर संभाग के जिलों में पॉजिटिव रेट काफी कम हो रहा है तो वही इंदौर शहर प्रदेश का सबसे पहला संभव शहर होगा जो की महामारी की चुनौतियों से जीत कर नंबर एक पर आएगा अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए उनका कहना है कि शहर में आबादी के आधार पर कई चुनौतियां हैं। इंडस्ट्रियल एरिया ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद भी काफी अच्छा काम किया जा रहा है। 31 मई तक कोरोना गाइडलाइन का शक्ति से पालन करा कर इस महामारी को कंट्रोल कर पॉजिटिव रेट कम करने के बाद धीरे-धीरे हम शहर को खोलना शुरू करेंगे क्योंकि अब लोगों की आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है। सभी के सहयोग से 10 से 11 दिनों में पॉजिटिव रेट जितना कम हो सके उसे करने की आवश्यकता है ताकि फिर से एक बार शहर को पटरी पर ला सकें ।

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