नई दिल्ली। पंजशीर के आसपास तालिबान और विद्रोही गुट के बीच भीषण लड़ाई चल रही है। पंजशीर के लड़ाकों के पहाड़ों के ऊपर होने के कारण तालिबान पर वे भारी पड़ते दिख रहे हैं। हालांकि तालिबानी लड़ाके भी जमकर फायरिंग और रॉकेट लॉन्चर दागते दिख रहे हैं। आज तालिबान सूत्रों ने दावा किया है कि पंजशीर की कई अहम चौकियों पर तालिबान पहुंच गए हैं। ये भी दावा किया जा रहा है कि पंजशीर की मोबाइल कनेक्टिविटी काट दी गई है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिकी खुफिया संस्था सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स और तालिबान नेता मुल्ला बरादर के बीच सोमवार को काबुल में मुलाकात हुई है। इसी बीच एक ब्रितानी अखबार ने दावा किया है कि अहमद मसूद तालिबान से वार्ता करके आत्मसमर्पण कर सकते हैं। हालांकि, नॉदर्न अलायंस ने इसका खंडन किया है। दैनिक भास्कर को सूत्रों ने बताया कि, तालिबान और पंजशीर के बीच वार्ता चल रही है।
जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं: मसूद
पंजशीर में अहमद मसूद ने आम लोगों को संबोधित किया है। वहां के लोगों के उनके प्रति समर्थन जताया है। मसूद ने लोगों से कहा कि हम जान दे देंगे, लेकिन अपनी जमीन और सम्मान से समझौता नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि तालिबान और पंजशीर के बीच बातचीत भी चल रही है। पंजशीर के सामने सबसे परेशानी यह है कि उनके पास भारी मात्रा में हथियार और सप्लाई नहीं है। यह इलाका चारों तरफ से तालिबान के कंट्रोल वाले इलाकों से घिरा हुआ है। माना जा रहा है कि पंजशीर लंबे समय तक तालिबान का मुकाबला नहीं कर पाएगा। तालिबान के लड़ाके भी पंजशीर के लोगों को सबक सिखाना चाहते हैं। पंजशीर के नजदीक बगलान प्रांत के गांवों और कस्बों में अलग-अलग लड़ाइयां चल रही हैं, जिनमें आम लोग मारे गए हैं और 3 हजार से अधिक लोग बेघर हुए हैं।
शासन के लिए तालिबान ने बनाई टीम-12
अफगानिस्तान में तालिबानी शासकों के चेहरे सामने आ गए हैं। तालिबान ने मंगलवार को देश को चलाने के लिए 12 सदस्यों वाली एक काउंसिल का गठन किया है। इनमें 7 नामों का ऐलान कर दिया गया है। वहीं पांच नाम अभी तय होने बाकी हैं। काउंसिल में अब्दुल गनी बरादर (तालिबान का सह-संस्थापक), तालिबान संस्थापक के बेटे मुल्ला याकूब, हक्कानी नेटवर्क (आतंकवादी समूह) खलील-उर-रहमान हक्कानी, डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला (पूर्व प्रधानमंत्री), हामिद करजई (पूर्व राष्ट्रपति), हनीफ अतमार और गुलबुद्दीन हेकमतयार का नाम शामिल है। सूत्रों का कहना है कि ह्यराष्ट्रपति और अमीरात के अलावा तालिबान 12 सदस्यीय काउंसिल के साथ अफगानिस्तान पर शासन करेगा।
आगा शेरजई को वित्तमंत्री बनाया
तालिबान ने मंगलवार को अपनी अंतरिम सरकार के कई मंत्रियों का ऐलान किया है। खास बात यह है कि संगठन ने किसी समय तालिबान के कट्टर विरोधी रहे गुल आगा शेरजई को वित्तमंत्री नियुक्त किया है। शेरजई पहले कंधार और फिर नंगरहार के गवर्नर रहे हैं। तालिबान के खिलाफ लड़ाई में वे उकअ के प्रमुख सहयोगी थे। उन्हें तालिबान का कसाई भी कहा जाता है। कंधार का गवर्नर रहते हुए उन्होंने तालिबान के सफाए में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने नंगरहार का गवर्नर रहते हुए सड़क निर्माण कार्य किए थे, जिसकी वजह से उन्हें अफगानिस्तान का बुलडोजर कहा जाता है।
भारत के रेस्क्यू को ऑपरेशन देवी शक्ति नाम मिला
भारत सरकार ने अफगानिस्तान में चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को मंगलवार को नाम दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि इसे ऑपरेशन देवी शक्ति नाम दिया गया है। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही भारतीय वायुसेना को सलाम किया है। भारत सरकार अब तक अफगानिस्तान से 800 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर चुका है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि इस मिशन के तहत आज 78 लोगों को लेकर एयर इंडिया का अक-1956 विमान तजाकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे से दिल्ली पहुंचा है। इनमें 25 भारतीय नागरिक और 46 अफगानी सिख भी शामिल हैं। इस विमान में काबुल के गुरुद्वारों से निकाले गए तीन गुरु ग्रंथ साहिब भी लाए गए हैं।