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उज्जैन महाकाल में भस्म आरती के नाम पर ठगी, आप भी हो जाए सावधान उज्जैन।

महाकाल मंदिर में नकली भस्मार्ती अनुमति बनाकर दिल्ली से आए तीन श्रद्धालुओं के साथ ठगी करने वाले 07 आरोपी पुलिस की गिरफ्त मे है। आरोपीयो से 06 मोबाईल, 1 लेपटाप, 1 सीपीयू, और नगदी 4500/- रू बरामद किए है। जिसकी कीमती लगभग 1,29,500 रू बताई जा रही है जिसे पुलिस ने जप्त किया है।

दो दिन पुर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति उज्जैन ने भस्म आरती में हुए फर्जीवाड़े में दो आरोपियों को गिरफ्त में लिया था। भस्मआर्ती अनुमति के लिये तीन दर्शनार्थी से अनावेदकगण व्दारा 4500/- रूपये लेकर भस्मार्ती अनुमति जारी करवाई गई। उक्त भस्मार्ती अनुमति लेकर श्रद्धालु मंदिर पहुंचे तो जांच के दौरान उक्त अनुमति किसी अन्य श्रद्धालु को जारी करना पाया गया आरोपी द्वारा नकली अनुमति बनाकर श्रद्धालु के साथ धोखाधडी की गई।

जिस पर से थाना महाकाल द्वारा धारा 420, में पवन शर्मा, मृत्युंजय कुमार, शेखर तिवारी, गौरव शर्मा, विशाल शर्मा, विपिन मकवाना के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली प्रातः भस्मआरती की नकली भस्मार्ती अनुमति बनाकर धोखाधड़ी कर पैसे लेने वाले 07 आरोपीयो को गिरफ्तार कर 06 मोबाईल, 1 लेपटाप, 1 सी.पी.यू, नगदी 4500/- रुपए जप्त करने में सफलता प्राप्त की है।

टीम द्वारा श्रद्धालुओं को भस्म आरती अनुमति देने वाले आरोपी को अभिरक्षा मे लेकर सख्ती से पुछताछ की गई जिसमें आरोपी द्वारा जुर्म स्वीकार करने पर उक्त आरोपी के अन्य 06 साथी आरोपियो को गिरफ्तार कर उक्त घटना में प्रयुक्त सामग्री जप्त की गई है। विवेचना के दौरान कुल 07 आरोपीयो को गिरफ्तार कर प्रकरण में आए साक्ष्यो के आधार पर प्रकरण में धारा 467,468, 471 भादवि का इजाफा किया गया।

दर्शनार्थी को भस्मार्ती इन्ट्री करने के समय गेट से इन्ट्री करवाता था अब हम आपको बताते हैं कि किस तरह से फर्जी भस्मारती बनाने का खेल खेला जाता था। आरोपीगण द्वारा भस्मार्ती करने वाले दर्शनार्थी से भस्मार्ती की बुकिंग करने हेतू प्रति व्यक्ति से उपलब्ध करवाते थे।

उक्त आरोपी पुरानी भस्मार्ती रसीद व भस्मार्ती करने वाले दर्शनार्थी की जानकारी अपने साथी आरोपी को देता था जो कंप्यूटर के माध्यम से पुरानी भस्मार्ती परमीशन को एडीट करने के पश्चात नई फर्जी परमीशन बनाकर वापस भस्मार्ती इन्ट्री पर लगे कर्मचारी को देता है जो दर्शनार्थी को भस्मार्ती इन्ट्री करने के समय गेट से इन्ट्री करवाता था।आरोपीगण बाद में अपने-अपने हिस्से के रुपए आपस मे बांट लेते थे।

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