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Chandrayaan 3: चांद की गहराई में बदलता जा रहा तापमान, Chaste ने चंद्रमा से जुड़े कई खुलासे किए

Chandrayaan 3 चांद की गहराई में बदलता जा रहा तापमान, Chaste ने चंद्रमा से जुड़े कई खुलासे किए

Chandrayaan 3: ISRO Latest Infortamtion: चंद्रयान-3 का चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किए गए 4 दिन हो चुके हैं। चंद्रयान-3 से बाहर चांद की सतह पर आए विक्रम लैंडर(Vikram Lander) ने कई जानकारी साझा की है। इसके अनुसार इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने बताया है कि चंद्रमा की सतह पर तापमान किस तरह से बदलता है ? विक्रम लैंडर में लगे चंद्र सर्फेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) के माध्यम से किया गया पहला निरीक्षण जारी हुआ है। ChaSTE ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ऊपरी सतह के तापमान की प्रोफाइल बनाई है।

Chandrayaan 3: ChaSTE के माध्यम से जो वैज्ञानिक जानकारियां इकट्ठा की गईं हैं। इसके जरिए वैज्ञानिकों को चांद की सतह के बदलते व्यवहार के बारे में बेहतर तरीके से पता चल पाएगा। चंद्रयान-3 के तहत चांद पर गए ChaSTE में तापमान की जांच करने वाले आधुनिक उपकरण लगे हैं। इन उपकरणों के माध्यम से चांद की जमीन को 10 सेंटीमीटर खोदा जा सकता है। ChaSTE में जमीन में गड्ढा करने वाले मैकेनिज्म लगे हैं। इसमें 10 तापमान सेंसर भी लगे हैं।

चांद के गहरे प्वाइंट पर -10 डिग्री तापमान
Chandrayaan 3: इसरो ने एक ग्राफ जारी कर बताया है कि कैसे गहराई में तापमान बदलता जा रहा है। चांद की सतह के सबसे ज्यादा गहरे पॉइंट पर तापमान -10 डिग्री है। ChaSTE के माध्यम से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ऊपरी से निचली सतह तक के तापमान में होने वाले बदलाव को रिकॉर्ड किया गया। इसरो के मुताबिक चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की पहली टेंपरेचर-डेप्थ प्रोफाइल तैयार की है।

Chandrayaan 3: ChaSTE की भूमिका साउथ पोल के पास चांद की सतह के तापमान और थर्मल कंडक्टिविटी सहित थर्मल प्रोपर्टीज का माप लेना है। इसरो के अर्थ साइंटिस्ट के सिद्धार्थ ने बताया था कि ChaSTE के माध्यम से वैज्ञानिकों को बहुत ज्यादा जरूरी डाटा मिलने वाला है। इससे पता चलेगा कि तापमान में होने वाले बदलाव पर सतह किस तरह बर्ताव करती है। गौरतलब है कि चंद्रयान-3 मिशन ने 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इस पोल पर लैंड करने वाला भारत पहला देश है। अमेरिका, चीन, रूस पहले ही चांद पर लैंड कर चुका है। चंद्रयान-3 मिशन के माध्यम से एक रोवर भी भेजा गया है, जो चांद की सतह पर से सैंपल्स को इकट्ठा करेगा।

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