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देश के सबसे बड़े आईपीओ की बेहद खराब शुरुआत, निवेशकों को लगी 38 हजार करोड़ रुपए की चपत

नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े आईपीओ यानी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग की सबसे खराब शुरुआत हुई है। यह आईपीओ डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड का था। इस आईपीओ ने पेटीएम के शेयर बाजार में लिस्टेड होने का इंतजार कर रहे निवेशकों को तगड़ा नुकसान दिया है। लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों को करीब 38 हजार करोड़ रुपए की चपत लग गई है। जब आईपीओ की लॉन्चिंग हुई तो हाई वैल्यूएशन की वजह से इसकी डिमांड सुस्त रही। यही वजह है कि सब्सक्रिप्शन दोगुना भी नहीं हो सका। वहीं, गुरुवार को जब शेयर बाजार में कंपनी की लिस्टिंग हुई तो उन निवेशकों को सबसे तगड़ा झटका लगा, जिन्हें आईपीओ अलॉट हो चुका है। पेटीएम के शेयर में इतनी गिरावट बढ़ गई कि लिस्टिंग के दिन ही लोअर सर्किट लग गया। किसी कंपनी के स्टॉक में लोअर सर्किट तब लगता है जब एक लिमिट से ज्यादा की बिकवाली होती है। सेबी की ओर से लोअर सर्किट को लगाया जाता है। इसका मकसद लिमिट से ज्यादा बिकवाली रोकना होता है।

18,300 करोड़ रुपए का आईपीओ

पेटीएम का 18,300 करोड़ रुपए का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ है। कंपनी ने नए इक्विटी शेयर जारी करके 8,300 करोड़ रुपए जुटाए और मौजूदा शेयरधारकों और प्रमोटरों ने 10,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।

एक लॉट में 6 शेयर मिले हैं

रिटेल निवेशकों को आईपीओ के एक लॉट में 6 शेयर मिले हैं। प्रति शेयर अधिकतम कीमत 2150 रुपए है। नियम के मुताबिक रिटेल निवेशकों को कम से कम एक लॉट खरीदना था। कहने का मतलब ये है कि जिन निवेशकों के पास एक लॉट हैं, इसका मतलब ये हुआ कि उनके पास पेटीएम के 6 शेयर हैं। इस लॉट की कीमत 12,900 रुपए है।

इस तरह समझें नुकसान को

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पेटीएम का शेयर भाव करीब 20 फीसदी की गिरावट के साथ 1564 रुपए के स्तर पर है। इसका मतलब ये हुआ कि जिस निवेशक ने आईपीओ में एक लॉट लिया है, उसे प्रति शेयर 586 रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीं, प्रति लॉट ये नुकसान 3,516 रुपए का पड़ता है। अब आईपीओ वाले निवेशक की कुल 12,900 रुपए की रकम घटकर 9,384 रुपए रह गई है। ये करीब 27 फीसदी का नुकसान है।

इस तरह घटा मार्केट कैपिटल

लिस्टिंग के दिन ही पेटीएम के निवेशकों का कुल नुकसान 38 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का रहा। दरअसल, इश्यू प्राइस पर पेटीएम का मार्केट कैपिटल 1.39 लाख करोड़ रुपए से अधिक था। कारोबार के अंत में मार्केट कैपिटल घटकर 1.01 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस लिहाज से निवेशकों को घाटा 38,000 करोड़ रुपए का हुआ है।

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