विजेंद्र उपाध्याय/देवास। यह पत्थर लगभग 4 फीट का है, जिस पर प्राचीन भाषा में कुछ लिखा हुआ है, यह वास्तविकता में शिलालेख है। इसके पुरातात्विक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए प्रशासन ने इसे जब्त कर लिया है एवं उसे पुरातत्व विभाग को सौंपने की बात कही है।
हिंदुओ ने इस इस्लामिक निर्माण के विरोध में 29 मई को तहसीलदार को ज्ञापन दिया था, कहा जा रहा है कि सर्व हिंदू समाज ने उक्त स्थान को हिंदू महत्व का बताकर इस्लामिक निर्माण रोकने का आग्रह किया था। अब शिलालेख के निकलने से वह दावा और अधिक पुष्ट हो रहा है।