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Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष में कौवे देते हैं धनलाभ से लेकर शत्रु विजय तक के संकेत, जानिए इनके बारे में

Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष में अपने पितृों की आत्मा की शांति के लिए अनेकानेक कर्मकांड किए जाते हैं। ब्राह्मणभोज के अलावा पंचबलि के लिए भोजन की अलग से व्यवस्था की जाती है। श्राद्धपक्ष में कौवों का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि श्राद्धपक्ष में कौओं को ग्रास डालने से पितृ तृप्त होते है इसलिए श्राद्ध में कौवों को लिए ग्रास की व्यवस्था की जाती है। पितृपक्ष में कौवे के माध्यम से शुभ संकेतों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इन संकेतों के बारे में।

कौवों को माना गया है पितृ का प्रतीक

सनातन संस्कृति के धर्मशास्त्रों में कौवों को पितृ का प्रतीक माना गया है। श्राद्ध में कौवे को भोजन खिलाने या उनके निमित भोजन निकालने से पितृों की आत्मा को शांति मिलती है। मान्यता है कि यदि श्राद्धकर्म से पितृ प्रसन्न होते हैं तो इसके संकेत पितृपक्ष के दौरान ही मिल जाते हैं। पितृपक्ष में प्रथम दिन पहला न्योता, दूसरा पूर्वज की मृत्यु की तिथि पर, तीसरा आमंत्रण नवमी तिथि और अंतिम बार पितृ विसर्जन कौवों को आमंत्रित कर भोजन कराने की या उनके निमित भोजन निकालने की परंपरा है।

  • कौवा गाय की पीठ में बैठकर अपनी चोंच रगड़ता हुआ दिखाई देता हैं तो इसका मतलब उस दिन आपको स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति हो सकती है।
  • कौवा सूखा तिनका अपनी चोंच में दबाएं हुए दिखाई दे तो यह धनलाभ का सूचक माना जाता है।
  • कौवा अनाज के ढेर पर बैठा दिखाई दे तो अनाज का लाभ होता है।
  • कौवा छत पर बैठा हो और उसकी चोंच में फूल-पत्ती हो तो इससे समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
  • कौवा यदि गाय के सिर पर बैठा हो तो यह किसी रिश्तेदार से मुलाकात का संकेत है।
  • कौवा यदि कौवा धूल में लोटपोट होता दिखाई दें, तो यह उत्तम वर्षा के संकेत हैं।
  • कौवा यदि सुअर की पीठ पर बैठा हुआ दिखे तो अपार धन की प्राप्ति का योग है।
  • कौवा यदि ऊंट की पीठ पर बैठा हुआ दिखाई दे तो सफल यात्रा के योग है।
  • कौवा यदि हवेली अथवा अटारी पर या हरे-भरे वृक्ष पर जा बैठे तो अकस्मात धन लाभ के योग हैं।
  • कौवा यदि अपनी चोंच में फल, रोटी या मांस का टुकड़ा दबाएं दिखाई दें तो अभिष्ट कार्य की सफलता के योग हैं।
  • कौवा यदि सामने से आकर भोजन ग्रहण कर लें और अपने पैरों से सिर को खुजलाएं तो समस्त कार्यों में सफलता के योग हैं।
  • कौवा यदि भोग ग्रहण करने के बाद किसी कुंआ, नदी या जलस्त्रोत या जल से भरे बर्तन पर बैठ जाएं तो सुख-समृद्धि की प्राप्ति होने के साथ मुकदमा में जीत के संकेत मिलते हैं।
  • कौए के अंडों की संख्या से भी शुभाशुभ की भविष्यवाणी की जा सकती है।
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