उज्जैन। शिव की नगरी शिवमय हुई। भाद्रपद माह के पहले सोमवार को भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर पालकी में व भगवान श्री मनमहेश हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले। भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान की पॉचवी सवारी में चारों ओर भगवान शिव के गुणगान हो रहे थे । सवारी के आगे भक्त ढोल, शहनाई, डमरू, झांझ आदि वाद्य बजाते हुए शिव के गुणगान करते हुए चल रहे थे।
सभामंडप में परंपरागत पूजन के बाद सवारी मुख्य द्वार से श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से होकर नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से शिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से बाबा के अभिषेक पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि पाल से हरसिद्धि मंदिर पर मां हरसिद्धी व बाबा महाकाल की आरती के बाद श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी।सवारी मार्ग पर मंदिर समिति के माध्यम से जगह-जगह पर सजावट की गई है। नगर भ्रमण के दौरान फूलों व रंगों की सतरंगी रंगोली, आतिशबाजी, रंगबिरंगे ध्वज, छत्रियां आदि के माध्यम से सजाया जा रहा है। संपूर्ण सवारी मार्ग को आकर्षक बनाने के लिये रास्तों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है।
सवारी की इस तरह रखी व्यवस्था
सवारी के दौरान सभामंडप में प्रवेश वर्जित है। सवारी में केवल पालकी उठाने वाले कहार, पुजारी, पुरोहित, पुलिस, मंदिर समिति के कर्मचारी उपस्थित हैं। सजावट हेतु अनुमति प्राप्त संस्था के अतिरिक्त बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध है। रामघाट व सवारी मार्ग में आमजन का आवागमन प्रतिबंधित किया गया। रामघाट पूजा स्थल पर केवल पुजारी, पुरोहित मौजूद हैं।
आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है
भाद्रपद माह के प्रत्येक सोमवार दोपहर 1 बजे के बाद मन्दिर की ओर आने-जाने के मार्ग बंद कर दिए जाएंगे। कोविड प्रोटोकॉल के तहत तय किए गए नए सवारी मार्ग पर भी धारा-144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू किये गये हैं। इसके तहत आमजन के सवारी मार्ग पर एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है।
समिति की वेबसाइट
मंदिर प्रबंध समिति की ओर से समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in व सभी स्थानीय चैनलों एवं फेसबुक पेज पर भगवान की सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जा रहा है। जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु महाकाल के दर्शन व सवारी के दर्शन कर सकते हैं।