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भिंड पीएचई विभाग का बड़ा घोटाला होगा उजागर !

पीएचई विभाग भ्रष्टाचार

भिंड. दो सौ वर्क आर्डर के जरिए 50 लाख रुपये का इंदौर की एक निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप भिंड जिले के पीएचई विभाग के कार्यालय यंत्री पर लगया है। आरोप है कि उन्होंने विभागीय प्रचार प्रसार के लिए अपने चहेते ठेकेदारों और फर्म मालिकों को उम्मीद से ज्यादा फायदा पहुंचाया है।

एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीआर गोयल पर आरोप है कि बीते वित्तीय साल में भिंड जिले में विभागीय प्रचार प्रसार के नाम पर इंदौर जिले की एक फर्म को एग्जीक्यूटिव इंजीनियर गोयल ने करीब दो सौ वर्क ऑर्डर जारी कर पचास लाख रुपये का भुगतान कराया है, जबकि उन्हें सिर्फ महीने में 25 हजार रुपये के दो वर्कऑर्डर पास करने का अधिकार है।

साथ ही उनपर जल जीवन मिशन के अंतर्गत फर्जी भुगतान कराने का भी आरोप है। शुक्रवार शाम 5 बजे पहुंची टीम में सिर्फ एक सदस्य, कार्यपालन यंत्री बीआर गोयल पर लगे आरोपों के खिलाफ जांच करने आए। मुख्य अभियंता चम्बल संभाग द्वारा एक जांच दल का गठन किया गया है, जिनमें संभागीय टीम शुक्रवार को भिंड पीएचई कार्यालय पहुंची, जाँच दल के सदस्य और एई एसपी पांडेय ने बताया कि उन्हें अधीक्षण यंत्री द्वारा निर्देशित किया था की बिंदुवार सभी तथ्यों की जांच करनी जिसके लिए वे पहुंचे हैं और दस्तावेजों की जाँच करेंगे।

बीआर गोयल के खिलाफ बैठी जांच शुरुआत से पहले ही सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि भिंड में मीडिया को दोपहर करीब 12 बजे ही टीम के पहुंचने की सूचना लगी थी, लेकिन पीएचई कार्यालय पर पहुंचने के बाद भी जाँच दल मौके पर नही पहुंचा। करीब शाम 4.30 बजे तक मीडियाकर्मियों ने उनका इंतजार किया लेकिन मीडिया के जाते ही जांच दल के सदस्य पीएस पांडेय पीएचई कार्यालय पहुंच गए, वह भी तब जब सरकारी दफ्तर का समय सुबह 10 बजे से 5 बजे तक का होता है।

मृदुभाषी के लिए भिंड से राहुल शर्मा की रिपोर्ट

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