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उत्तर प्रदेश में 3 चर्चित IPS को दी गई जबरन सेवानिवृत्ति, जानिए क्या है मामला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के तीनों आईपीएस अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। इन तीनों पर गम्भीर अनियमितता के आरोप लगे थे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग के बाद प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है।

जबरन सेवानिवृत्त किए गए पुलिस अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप हैं। आईजी रूल्स एवं मैनुअल अमिताभ ठाकुर पर जांच चल रही है। बाराबंकी की 10वीं बटालियन के सेनानायक राजेश कृष्ण पर आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप रहा है। डीआईजी स्थापना राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे। भारत सरकार के गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग में इन तीनों आईपीएस अफसरों को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है।

इसको लेकर 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के ग़ृह मंत्रालय की ओर से आदेश जारी हुआ कि अमिताभ ठाकुर लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के योग्य नहीं हैं. इसके तहत अब प्रदेश के गृह विभाग की तरफ से ‘जबरन रिटायर’ करने का आदेश जारी हो गया है. उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक गृह मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के 17 मार्च 2021 के आदेश के तहत अमिताभ ठाकुर, आईपीएस, आरआर-1992 को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के योग्य न पाते हुए, अखिल भारतीय सेवाएं (डीसीआरबी) नियमावली-1958 के नियम-16 के उपनियम 3 के अंतर्गत लोकहित में तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का फैसला लिया गया है.

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