इस्लामाबाद। भारत के कंधार कॉन्सुलेट बंद की खबरों के बीच पाकिस्तान इस समय बेहद खुश नजर आ रहा है। पाकिस्तान ने फिर से भारत के खिलाफ जहर उगला है। पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख राशिद ने भारत के अफगानिस्तान के कंधार से अपने कर्मचारियों को हटाने पर कहा कि भारत के पास अफगानिस्तान से भाग जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। अफगानिस्तान में भारत की जग हंसाई हुई है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अफगानिस्तान में रहकर पिछले 40 साल से आतंक को बढ़ावा दे रहा है। गृहमंत्री शेख राशिद ने भारत के अफगानिस्तान के कंधार से अपने कर्मचारियों को हटाने पर कहा कि भारत के पास अफगानिस्तान छोड़ने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। गृहमंत्री ने दावा किया कि भारत अफगानिस्तान की जमीन से पाकिस्तान के खिलाफ आतंक फैला रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसे जगह पर स्थित है जिसे चीन हो या अमेरिका कोई अनदेखा नहीं कर सकता है। वहीं भारत ने पाकिस्तानी नेताओं के इस दावे का खंडन किया है।
तालिबान पहले से ज्यादा समझदार
गृहमंत्री राशिद ने कहा कि तालिबान पहले से नया और समझदार हो चुका है। यह पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है कि वह तालिबान के साथ अपने मामले बातचीत के जरिए हल करे। तालिबान पर दबाव बनाने के लिए भारत को बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।
इमरान ने दिया था विवादित बयान
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विवादित बयान दिया था। इमरान खान ने कहा था कि इस इलाके में अब बहुत गंभीर बदलाव होंगे। इसमें भारत ‘सबसे बड़ा लूजर’ साबित होगा। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने दावा किया था कि इस बात के साक्ष्य हैं कि भारत लाहौर में हालिया आंतकी घटना में शामिल रहा है। साथ ही अमेरिका पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में जिस तरह के बदलाव होने जा रहे हैं, उससे खुद अमेरिका को भी बहुत नुकसान होगा। पाकिस्तान पीएम के दावे को भारत ने पुरजोर विरोध किया था।
अफगानी वायु सेना ने मारे 40 तालिबानी लड़ाके
काबुल। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से अफगानिस्तान में तालिबान का वर्चस्व बढ़ रहा है। वैसे ही उसका मुकाबला अफगानी सेना से जबरदस्त होता जा रहा है। हाल ही में अफगान वायु सेना के हमले में 40 तालिबानी आतंकी मारे गए हैं। सोमवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया कि तालिबान के लड़ाकों पर अफगान वायु सेना की तरफ से कई जगहों पर हमले किए गए। मंत्रालय के मुताबिक अलग-अलग हिस्सों में की गई कार्रवाई में 40 तालिबानी आतंकी मारे गए हैं।
अफगानिस्तान में तालिबान ने लड़ाई का नया ढंग अपनाया है। इससे अफगानिस्तान आर्मी को तालिबान लड़ाकों पर हमला करने में मुश्किलें आ रही हैं। असल में तालिबान ने मध्य अफगानिस्तान में स्थित गजनी शहर को घेर लिया है। वो आम लोगों के घरों पर कब्जा करके यहां से सुरक्षा बलों पर हमले कर रहा है। अमेरिकी सेना के जाने के बाद तालिबान ने हिंसा शुरू कर दी थी। गजनी की प्रांतीय परिषद के सदस्य हसन रेजाई ने कहा कि गजनी की स्थिति काफी ज्यादा खराब है। उधर तालिबान और अफगान सरकार के बीच शांतिवार्ता कतर की राजधानी में चल रही है। अफगानिस्तान के पूर्व सांसद हामिद ललाय जो कि सुरक्षा बलों की तरफ से तालिबान के खिलाफ संघर्ष में शामिल हैं, बताते हैं कि गजनी काबुल और कांधार के बीच मुख्य रास्ता है। पिछले चार दिन से तालिबान कांधार शहर पर पश्चिमी तरफ से हमला कर रहा है। उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षा बल और विशेष बल तालिबान को पीछे धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।
1000 लश्कर-जैश आतंकी तालिबानी से मिले
तालिबान ने पाकिस्तान स्थित भारत विरोधी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा और जैश-ए-मोहम्मद से हाथ मिला लिया है। 200 से ज्यादा समूहों के रूप 1,000 से ज्यादा आतंकी तालिबान के साथ अफगानी सुरक्षा बलों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, इनमें से कम से कम आठ आत्मघाती हमलावर भी हैं। सूत्रों के मुताबिक इन रिपोर्टों के बाद भारत की चिंता बढ़ा दी है। इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान के करीब 85 फीसदी इलाकों पर अपना नियंत्रण होने का दावा किया है। खासतौर से दक्षिण अफगानिस्तान में तालिबान ने कई इलाकों पर तेजी से कब्जा कर लिया है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुडे़ सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित हैदराबाद में लश्कर के कैंपों में तालिबान लड़ाके प्रशिक्षण ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग पाकिस्तानी सेना की मदद से दी जा रही है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत पर आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले लश्कर और जैश संगठनों के ये आतंकी पूर्वी अफगानिस्तान के कुणार और नागरहार प्रांतों और दक्षिण पूर्वी इलाकों में स्थित हेलमंद और कंधार प्रांतों में तालिबान के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के ये चारों इलाके पाकिस्तान की सीमा से लगे हुए हैं। कुणार और नागरहार की सीमाएं पाकिस्तान के जनजातीय बहुल इलाकों से लगती हैं, वहीं, बाकी दो की सीमाएं बलूचिस्तान से लगी हुई हैं।
200 जिलों में लड़ाई लड़ रहा है तालिबान
भारत में अफगानिस्तान के दूत फरीद ममूंदजई ने अपने देश में लगातार खराब होते हालात के बारे में कहा कि तालिबान को हिंसा बंद करने की जरूरत है और इस खूनखराबे का अंत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो लाख से ज्यादा अफगानी नागरिक पहले ही विस्थापित हो चुके हैं। अफगानिस्तान के कुल 375 जिलों में से 200 जिलों में तालिबान लड़ाकों और अफगान सुरक्षा बलों के बीच जंग हो रही है। ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और ईरान जैसे देशों से लगती अफगानिस्तान की सीमाओं पर स्थित 18 जिलों में हालात संकटपूर्ण हैं।