Mradhubhashi
Search
Close this search box.

सर्जरी से महिला बनी पुरुष, रिकॉर्ड में संशोधन नहीं

सर्जरी से महिला बनी पुरुष, रिकॉर्ड में संशोधन नहीं

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जन्म के समय महिला-पुरुष दोनों के गुण वाले व्यक्ति के सर्जरी से पुरुष बनने के बावजूद सर्विस रिकॉर्ड में जेंडर बदलने को गंभीरता से लिया। मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि ऐसे लोगों की शिकायतों के समाधान और उनके अधिकारों के संरक्षण के लिए वर्ष 2019 के कानून के अंतर्गत जिला स्तर पर शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया जाए। सभी जिला कलेक्टर को इस कानून की पालना के लिए दिशा-निर्देश जारी कर 4 सितंबर तक पालना रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जायेगा |

छिंदरपाल सिंह की याचिका पर कोर्ट ने कहा कि पहले हम दो जेंडर मानते थे, लेकिन अब दिक्कत होगी। तीसरे जेंडर को भी मान्यता है। प्रार्थी सर्जरी के बाद पुरुष बन गया और उसके दो संतान है। सेवा रिकॉर्ड में संशोधन नहीं किए जाने से समाज में अब उसकी पहचान को लेकर याचिका में कहा गया कि प्रार्थी का जन्म महिला के रूप में हुआ और उसमें पुरुष के गुण भी थे। वर्ष 2013 में वह महिला वर्ग में पीटीआई बन गया। बाद में उसने सर्जरी करा ली और अब वह पुरुष के रूप में जीवन जी रहा है।

याचिकाकर्ता ने सर्जरी करवाकर पुरुष बनने का विकल्प चुना। ऐसे में वह सेवा रिकॉर्ड में नाम और जेंडर बदलवाने का हकदार है। कोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता से कहा कि संशोधन करे।

सर्जरी से महिला बनी पुरुष, रिकॉर्ड में संशोधन नहीं
सर्जरी से महिला बनी पुरुष, रिकॉर्ड में संशोधन नहीं

2013 में महिला वर्ग में बना पीटीआई

इसके अनुरूप सितंबर 2018 में सेवा रिकॉर्ड में संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया, लेकिन राज्य सरकार ने रिकॉर्ड में संशोधन नहीं किया। इस पर याचिका दायर कर राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया।

वह ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों का संरक्षण अधिनियम- 2019 के अंतर्गत कलक्टर को आवेदन करे और कलक्टर दो माह में जांच कर उसे प्रमाण पत्र जारी करें।

ये भी पढ़ें...
क्रिकेट लाइव स्कोर
स्टॉक मार्केट