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बाबा युग- जानिये खुद को शिव का अवतार बताने वाले बाबा की कहानी

बाबा युग

बाबा युग – भारत में खुद को भगवान का अवतार बनाने बताने वाले, लाखों भक्तों को अपना मुरीद बनाने वाले बाबाओं की कहानी आज कल कोई नई बात नहीं है ,जिसमें राम रहीम, राधे मां, आसाराम बापू जैसे कई बड़े नाम शामिल है। लेकिन इन सबसे ऊपर आता है बाबा नित्यानंद (Nityanand) जो खुद को एक शिव का अवतार बताता है नित्यानंद बाबा का दावा है, कि वह अमर है, इतना ही नहीं उसका यह भी कहना है कि वह सूर्य को उगने से भी रोक सकता है।

इसके साथ ही वह कहता है कि वह अपनी खुद तीसरी आंख से अंधे लोगों को आंखें दे सकता है। सोने के सिंहासन पर बैठने वाले बाबा नित्यानंद के भक्तों की संख्या लाखों में है, सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी इनके बहुत भक्त हैं। इनके एक सच ने पूरे भारत देश और बाहरी देश में हड़कंप मचा दिया था।

कौन है नित्यानंद (Nityanand)

यह बात है साल 1977 की जब चेन्नई से केवल 196 किलोमीटर दूर बसे तिरुवन्नामलाई में एक किसान परिवार में अरुणाचलम राजशेखरन का जन्म होता है। बचपन से यह राजशेखरन को आध्यात्म में काफी रूचि थी। 15 साल की उम्र में बाबा नित्यानंद (Nityanand) की मुलाकात होती है योगीराज योगानंद पुरी जी से, बचपन से ही इन्होंने राजशेखरन (Nityanand) को वेद पुराण और आयुर्वेद का ज्ञान देना शुरू कर दिया।

सिर्फ 17 साल की उम्र में राजशेखरन के गुरु की मृत्यु हो जाती है। जिसके बाद उनसे सीखे हुए सारे ज्ञानो को इसने लोगो के ऊपर आजमाना शुरू कर दिया, इसके बाद वो तमिलनाडु के अस्पतालों में जा कर लोगो के ऊपर छोटे मोटे चमत्कार किया करता था। और अगर उन चमत्कारों से कोई अगर ठीक हो जाया करता था, तो उन सबका क्रेडिट वो खुद लिया करता था। इसी तरीके से उनसे अपने भक्तो की एक बड़ी फौज बनानी शुरू कर दी। साल 2002 में सिर्फ 24 साल की उम्र में राजशेखर ने अपना नाम बदल कर बाबा नित्यानंद (Nityanand) परमशिवम या परमहंस नित्यानंद रख लिया था।

उनका ऐसा कहना था कि जब मैं हिमालय में तपस्या कर रहा था तब किसी ऋषि ने आकर उनका यह नाम नित्यानंद रख दिया। जिसके बाद यह नाम पूरे देश में प्रचलित होने लगा। नित्यानंद ने साल 2003 में बेंगलुरु में ध्यान पीठ आश्रम की शुरुआत की और यह बहुत ही जल्द देश में प्रसिद्ध होने लगा, जिसके पीछे का कारण यह था कि यह तमिल और इंग्लिश में अपने भाषण दिया करता था। इस वजह से बहुत सारे फॉरेनर्स इससे जुड़ते गए, और इसने जल्द ही अमेरिका में भी अपने कार्यक्रम की शुरुआत कर दी।

शुरू हुयी नित्यानंद (Nityanand) की कालाबाजारी

इसके बाद बाबा नित्यानंद ने अपने भक्तों में और ज्यादा आस्था जगाने के लिए, उनके सामने कई बड़े-बड़े दावे किए जैसे, उसने यह भी कहा कि उसने सूर्य उदय को कम से कम 40 मिनट तक रोक दिया था, और उसने यह भी कहा कि वह ऐसा सॉफ्टवेयर बना रहा है, जिससे वह गाय को तमिल और संस्कृत बोलना सिखा देगा, इसके साथ उसने यह भी कहा कि वह एनर्जी के फार्मूले E=mc² को भी गलत साबित कर सकता है।

बाबा नित्यानंद का ऐसा दावा था कि उसके पास कम से कम 400 से भी ज्यादा सिद्धियां है। और उसने अपने भक्तों को भी कम से कम 60 से भी ज्यादा पावर सिखा दिए है। उसका यह भी कहना था कि मेरे भक्त दीवाल के उस पार से इस बार भी देख सकते, साथ ही वह एक जगह से दूसरी जगह बिना चले ही जा सकते हैं। इसके साथ उसने यह भी दावा किया कि उसने 82 से ज्यादा अंधे बच्चों को आंख में सिर्फ रोशनी दिया उनकी तीसरी आंख खोलकर। इसके साथ ही नित्यानंद अपने भक्तों को ब्रह्मसूत्र, पतंजलि योग सूत्र, शिवा सूत्र और भागवत गीता के भी उपदेश दिया करता था।

नित्यानंद (Nityanand) का सच

लेकिन साल 2010 जब बाबा नित्यानंद अपनी जिंदगी की सबसे ज्यादा ऊंचाइयों पर था, तभी sun Tv नामक न्यूज़ चैनल पर उसका एक वीडियो टेलीकास्ट होता है। जिसमे नित्यानंद एक एक्ट्रेस रंजीता के साथ पाए जाते हैं, जिसके बाद पूरे देश में हड़कंप सा मच गया। यह वीडियो पूरे देश में वायरल हो जाता है और नित्यानंद के सेक्शन वीडियो रिकॉर्ड करने वाला कोई और नहीं उसी का ड्राइवर लेनिन करुप्पन था। जिसने नित्यानंद से बदला लेने के लिए यह वीडियो शूट किया था।

बाबा नित्यानंद और रंजीता ने यह क्लेम किया कि यह पूरी तरीके से एक से एक वीडियो है। नित्यानंद ने तो यह भी क्लेम किया कि वह कुछ भी कर नही सकते है। लेकिन कुछ ही दिनों बाद एक फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री ने यह कंफर्म कर दिया कि जो भी नित्यानंद कह रहे हैं, वह सब गलत है और जो वीडियो में रंजीता और नित्यानंद दिखाए गए हैं वह सभी सच है।

इसके बाद ही नित्यानंद (Nityanand) के आश्रम में रहने वाली एक महिला आरती राव ने टीवी परआकर कई बार सेक्सुअल एसल्ट करने का भी आरोप लगाया है। वही नित्यानंद के भक्त जो कि अमेरिका में रहती है उन्होंने भी कई बार नित्यानंद पर अमेरिका में सेक्सुअल एसल्ट के चार्जेस लगाएं।

अभी तक नित्यानंद अपने समर्थकों और पॉलिटिकल पॉवर के चलते बचता रहा था, लेकिन साल 2019 में तमिलनाडु के कपल ने गुजरात हाईकोर्ट में यह अपील किया कि उनके तीन बच्चों को जबरदस्ती बिना उनकी नॉलेज में बताए गए आश्रम में लेकर गया है। जिसके बाद से उनके बच्चे मिसिंग हैं,

इसके बाद 17 नवंबर 2019 को गुजरात पुलिस के पास है क्या फायर फाइल होती है वहां इन बच्चों की खोज शुरू होती है और बाद में क्या होता है कि जो 3 बच्चों में से जो दो बच्चे थे वह बालिग हो चुके थे 18 साल के ऊपर और वह दोनों मीडिया में आते हैं और कहते हैं कि हम अपनी मर्जी से नित्यानंद के पास आए हैं बाद में उनके पिता का यह भी कहना था कि नित्यानंद (Nityanand) ने उनके बच्चों के ऊपर वशीकरण कर दिया है जिससे वह वही भाषा बोल रहे हैं जो नित्यानंद चाहता है।

नित्यानंद का हिंदू राष्ट्र

सभी सूत्रों से पता चल रहा था कि नित्यानंद भारत देश से कहीं और भाग चुका है, एक दिन नित्यानंद यूट्यूब पर लाइव आता है और वह कहता है कि वह एक हिमालय पर बस चुका है क्योंकि लोग उस पे अलग-अलग चार्जेस लगा रहे थे। थोड़े दिन बाद फिर वहां एक वीडियो में लाइव आता है और कहता है कि उसने एक अलग हिंदू राष्ट्र बना लिया है, जिसके वह करेंसी, पासपोर्ट और दूसरे अन्य डॉक्यूमेंट भी रिलीज कर रहा है।

नित्यानंद (Nityanand) का कहना है कि वह एक ऐसे हिंदू राष्ट्र का निर्माण कर रहा है जिसमें कोई भी बॉर्डर्स नहीं है और दुनिया भर में कोई भी ऐसा हिंदू है, जिसको अपने ही राष्ट्र में दबाया जा रहा है वह आकर कैलाशा (Kailasha) में बस सकता है। कैलाशा की वेबसाइट के मुताबिक यह एक हिंदू देश है जिसे दूसरे देश में रहने वाले Canada, US के आदि शिवा के devotes ने बनाया है। उनका मानना यह है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू राष्ट्र है इसमें कोई भी इंसान जो कि जेंडर, कास्ट और सेक्स के लिए सताया गया है वह आकर यहां बस सकता है।

कैलाश (Kailasha) कि अगर वेबसाइट को देखते हैं तो उसमें नित्यानंद को भगवान शिव की तरह दिखाया गया है, और सामने नंदी उनके उपासना कर रहे हैं और अगर हम कैलाशा के राष्ट्रीय पशु को देखें तो, तो वह नंदी है, राष्ट्रीय ध्वज इनका ऋषभ ध्वज है, राष्ट्रीय फूल इनका कमल है और राष्ट्रीय पेड़ इनका बरगद है। कैलाशा की वेबसाइट के अनुसार इन्होंने एक हिंदू पार्लियामेंट भी बनाया है जिसमें करीब 5 सेक्शन होंगे जिसमें एक चित सभा, राज्यसभा, देव सभा, कंग सभा और एक नित्यानंद की सभा होगी। इन सभी सभाओं को वेद की नॉलेज से रंग दिया जाएगा।

Reserve bank of kailasa :-

साल 2020 में नित्यानंद ने रिजर्व बैंक ऑफ कैलाशा की शुरुआत की इसमें इन्होंने उनकी ऑफिशियल करेंसी को अनाउंस किया जिसको कैलाशियान $ डॉलर कहा जाएगा, यह एक गोल्ड कॉइन होने वाला था। एक कैलाश $1 एक केलाशियन $ डॉलर कम से कम एक तोला गोल्ड के बराबर है (11.66 gm)। उनका यह कहना है कि उनके जो गोल्डकॉइन है वह ancient हिंदू के 56 हिंदू नेशंस से इंस्पायर्ड है।

इसके साथ ही जो इसमें गवर्नर और डायरेक्टर जनरल होने वाले हैं वह कैलाशा के सन्यासी ही होंगे और दिसंबर 2020 में ही कैलाश आने अपना पासपोर्ट भी रिलीज करना चालू कर दिया है, जिसमें हम 3 दिनों के लिए जाकर कैलाशा (Kailasha) विजिट करके आ सकते हैं, इसमें आपको सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया जाना होगा फिर वहां पर उनकी चार्टर्ड फ्लाइट होगी जिसका नाम गरुड़ है।

वह आपको रिसीव करेगी और वह आपको वहां से कैलाशा (Kailasha) लेकर जाएगी जो कि इक्वाडोर के पास एक आइलैंड में बसा हुआ है। यहां पर उनका कहना है कि वह खाना रहना सब कुछ फ्री में देंगे आप आइए और आप उनकी कंट्री घूमिए।

2020-21 में जब covid फैला था, नित्यानंद का ऐसा कहना था कि भारत ने उसके साथ बहुत बुरा किया है जिसकी वजह से covid फैल गया है अगर भारत उनको पूरे सम्मान के साथ वापस बुलाता है तो covid भारत में पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा।

इसके बाद अगस्त 2022 में नित्यानंद के एक रिप्रेजेंटेटिव ने श्री लंकन गवर्नमेंट से बात किया कि नित्यानंद की तबीयत खराब है वह चाहते हैं कि आप एक ट्रीटी साइन कर ले दोनों कनंट्रीज के बीच में जिसके बाद नित्यानंद का वहां जाकर इलाज होगा और उसके इलाज में जितनी भी मशीनरी खरीदी जाएंगी वह मशीनरी हम पूरी तरीके से श्रीलंकन गवर्नमेंट को दान कर देंगे।

नित्यानंद in UN :-

लेकिन अभी नित्यानंद काफी चर्चा में है यूनाइटेड नेशंस (UN) की एक जनरल मीटिंग की वजह से जिसमें एक चमकीली भगवा साड़ी पहने, गले में आभूषण के साथ, रुद्राक्ष की माला सबवे जटाय पहने महिला कैलाशा के प्रतिनिधि बनकर मीटिंग में पहुंची , जब यूनाइटेड नेशंस में इस महिला ने बोलना शुरू किया तो लगा कि, यह एक भारत की कोई लेडी है, जो कि भारत की सभ्यता को दिखाना चाहती है। लेकिन जब उसने बोला तो, उसने कैलाशा के बारे में बताना शुरू किया, United States of Kailasa का एक प्रतिनिधि मंडल UN के जेनेवा में हुई एक मीटिंग में पहुंच गया, जहां उनके रिप्रेजेंटेटिव विजय प्रिया नित्यानंद ने इंडिया पर साजिश रचने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि (Nityanand) हिंदू धर्म के सबसे सर्वोच्च गुरु है, जिसके लिए उन्हें भारत में सताया जा रहा है और उसके बाद भारत में एकदम अफरा-तफरी मच गई और जब स्थिति बहुत ज्यादा खराब होने लगी तो, कैलाशा की तरफ से उनके ऑफिशल टि्वटर हैंडल पर एक बात आती है कि हमारे बयानों को भारतीय मीडिया ने तोड़ मरोड़ के दिखाया है और हम यहां पर भारत की पूरी तरीके से इज्जत करते है।

इसके बाद ही UN का भी एक ऑफिशल स्टेटमेंट आता है, वह कहते हैं कि यह सब मिशन irrelevant है, और UN की इस सोशल और कल्चरल कमेटी में कोई भी पार्टिसिपेट कर सकता है, इसलिए हमने कैलाशा को भी पार्टिसिपेट करने दिया, लेकिन UN इनके दिए गए बयानों कोई भी ऑफिशियल रिकॉर्ड नही करेगा।

इसके साथ ही न्यू यॉर्क सिटी के करीब 30 शहरों ने कैलाशा के साथ सिस्टर सिटी का एक एग्रीमेंट भी साइन किया था और इस इंसिडेंट के बाद, उन्होंने यह रिवोक कर दिया और बोला कि नित्यानंद ने हमारे साथ scam किया है।

फिलहाल बाबा नित्यानंद अपने देश कैलाशा में है।

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