कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी जिलों की यात्रा के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी। दरअसल प्रदेश में सीएम को धमकी देने का मामला सामने आया है जिसके बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की है। इससे पहले प्रतिबंधित आतंकी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) ने अलग राज्य के उसके आंदोलन का विरोध करने पर खूनखराबे की धमकी दी है।
एक कथित वीडियो में, केएलओ नेता जीवन सिंह होने का दावा करते हुए एक नकाबपोश व्यक्ति ने ममता को उत्तर बंगाल का दौरा करने के खिलाफ चेतावनी दी। वीडियो में नकाबपोश व्यक्ति सशस्त्र अंगरक्षकों के साथ था। लाइव हिंदुस्तान द्वारा इस वीडियो की प्रामाणिकता का स्वतंत्र रूप से सत्यापन नहीं किया जा सका है। बनर्जी अगले तीन दिनों में अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में राजनीतिक और प्रशासनिक बैठकें करेंगी।
कामतापुर राज्य की हमारी मांग का विरोध न करें
राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ह्लवीडियो में जीवन सिंह को सैन्य वर्दी पहने और ऑटोमेटिक राइफलों से लैस एक दर्जन से अधिक छापामारों से घिरा हुआ दिखाया गया है। हमें नहीं पता कि वीडियो कहां और कब शूट किया गया था, लेकिन सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वीडियो के मुताबिक, नकाबपोश व्यक्ति ने कहा, ह्लहम ममता बनर्जी सहित सभी लोगों से अपील करते हैं कि कामतापुर राज्य की हमारी मांग का विरोध नहीं करें। उन्हें उत्तर बंगाल की यात्रा नहीं करनी चाहिए। हम आने वाले दिनों में अपना आंदोलन तेज करेंगे और सभी से सहयोग मांगेंगे।
नतीजे विनाशकारी होंगे
वीडियो में कहा गया ह कि अगर कोई हमें रोकने की कोशिश करता है, तो उसके नतीजे विनाशकारी होंगे। खूनखराबा होगा। हम इसके लिए अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं। पुलिस ने इस वीडियो के संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया लेकिन क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि ममता मंगलवार को अलीपुरद्वार में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने वाली हैं।
कौन है आतंकी संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन
कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन पूर्वोत्तर भारत में स्थित एक बेहद वामपंथी उग्रवादी संगठन है जिसका उद्देश्य कामतापुर को भारत से मुक्त करना है। इस आतंकी संगठन के प्रस्तावित राज्य में पश्चिम बंगाल के छह जिले और असम के चार निकटवर्ती जिले शामिल हैं। इस क्षेत्र के अविकसित रहने का हवाला देते हुए 90 के दशक में पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिलों और असम के पश्चिमी हिस्सों को काट कर अलग कामतापुर राज्य बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया गया था। हालांकि, नब्बे के दशक के मध्य में केएलओ का गठन हुआ और इसके साथ ही आंदोलन हिंसक हो गया। पुराने केएलओ के ज्यादातर नेता या तो जेलों में हैं या तृणमूल शासन के तहत मुख्यधारा में लौट आए हैं। इस बीच कुछ छोटे समूह उभरे हैं जो राज्य की मांग के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास करते हैं। कामतापुर पीपुल्स पार्टी (यूनाइटेड) के अध्यक्ष निखिल रॉय ने कहा कि अगर कोई धमकी दे रहा है तो इसका शायद ही कोई मायने हो। लेकिन मैंने वीडियो नहीं देखा है, इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।ह्व केएलओ की चेतावनी को लेकर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भारतीय जनता पार्टी के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया और तृणमूल ने भाजपा पर राज्य में अलगाववादी आंदोलनों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।