नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे को लेकर सिसायत में बदलाव होने की बात सामने आ रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 5 दिन के दिल्ली दौरे पर हैं। मंगलवार को करीब 4 बजे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मोदी से मुलाकात के बाद ममता ने कहा मैं दो साल बाद दिल्ली आई हूं। प्रधानमंत्री से मिलने गई थी। चुनाव के बाद भेंट करना ही पड़ता है। यह संविधान के मुताबिक प्रोटोकॉल बनता है। मैंने इसका पालन किया है।
ममता ने कहा कि मैंने कोविड के बारे में उनसे चर्चा की। हमें जो वैक्सीन और दवा मिली है उसे और बढ़ाया जाए। बंगाल को जनसंख्या के मुताबिक ये बहुत कम मिले हैं। इसी बारे में चर्चा हुई।
28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यास तूफान से प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे। ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ बैठक के बाद उन्होंने बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले के कलाईकुंडा में दोपहर 2 बजे रिव्यू मीटिंग रखी थी। इसमें राज्यपाल जगदीप धनखड़ तो आए थे, लेकिन CM ममता बनर्जी की कुर्सी खाली रही थी। मोदी करीब 30 मिनट तक उनका इंतजार करते रहे थे। इसके बाद ममता आईं और तूफान से हुए नुकसान की प्राइमरी रिपोर्ट सौंपकर मीटिंग में शामिल हुए बिना निकल गईं। ममता शुभेंदु अधिकारी को समीक्षा बैठक में बुलाने पर नाराज थीं।
जानकारी अनुसार ममता आज अभिषेक मनु सिंघवी समेत अन्य विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात करेंगी। और बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल सकती हैं। इसके बाद ममता समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलने जा सकती हैं। इससे पहले बंगाल मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलीं। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत चली। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा से भी मुलाकात की।
टीएमसी चीफ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में हैं। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत करने के बाद पर ममता बनर्जी का यह पहला दिल्ली दौरा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ममता खुद को तीसरे मोर्चे के चेहरे के रूप में देखना चाहती हैं।