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US यूनिवर्सिटी ने बदली पॉलिसी, अमेरिका में सिख स्टूडेंट कॉलेज में कृपाण पहन सकेंगे

अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने घोषणा की है कि वह सिख छात्रों को परिसर में कृपाण धारण करने की अनुमति देगा। सिख धर्म में कृपाण एक धार्मिक चिन्ह है। यह कदम करीब दो महीने पहले कृपाण रखने की वजह से चार्लोट में यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना के एक छात्र को हथकड़ी लगाए जाने की घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उठाया गया है।

किरपाण उतारने से मना किया; सिख संस्थाओं के हस्ताक्षेप से सुलझा मामला; SGPC  ने जताया ऐतराज | Sikh Arrested In USA For Wearing Kirpan In University  Campus - Dainik Bhaskar

वीरता और साहस की निशानी समझे जाने वाले कृपाण को सिख अक्सर कमर पर लटकाते हैं या फिर या फिर बैग आदि में रखते हैं। ये छोटी तलवार की करह दिखता है। कुछ लोग आजकल कृपाण की जगह छोटे चाकू भी रखते हैं। यूनिवर्सिटी की नई पॉलिसी के मुताबिक, ब्लेड (कृपाण) की लंबाई 3 इंच से कम होनी चाहिए। यूनिवर्सिटी ने एक बयान में कहा- हमने द सिख कोएलिशन और ग्लोबल सिख काउंसिल समेत कई सिख लीडर्स के साथ चर्चा करने के बाद पुरानी पॉलिसी में बदलाव किए गए है।

यूनिवर्सिटी चांसलर शेरोन एल गैबर और चीफ डायवर्सिटी ऑफिसर ब्रैंडन एल वोल्फ ने कहा- कृपाण रखने वाले छात्र की गिरफ्तारी के लिए हम माफी मांगते हैं। नई पॉलिसी के लिए गए फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। सिखों के पवित्र पांच ककारों में से एक है। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं – केश(बिना कटे बाल), कड़ा (स्टील का कंगन), कृपाण, कचेरा (अंडरशॉर्ट्स) और कंघा। इन सभी को सिखों को अनिवार्य तौर पर पहनना होता है।

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