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देश में बेरोजगारी बढ़ी,16 महीने में रही सबसे ज्यादा दर; जानें क्या कहते हैं आंकड़े

नई दिल्ली: नए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर महीने में भारत में बेरोजगारी की दर बढ़ गई है और यह बढ़कर 8.30 फीसदी हो गई है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि जहां पिछले साल के नंवबर में ये आंकड़े आठ फीसदी थी, वहीं यह आंकड़ें अब जाकर 8.30 फीसदी हो गई है। यह 16 महीनों में सबसे ज्यादा है. सेंटर फॉर मॉनेटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की ओर से रविवार को यह डेटा जारी किया गया है. इससे पहले पिछले महीने बेरोजगारी दर 8.00 फीसदी रही थी. डेटा के मुताबिक, शहरों में बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 10.09 फीसदी पर पहुंच गई है, जो पिछले महीने 8.96 फीसदी पर रही थी. वहीं, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की दर 7.55 फीसदी से घटकर 7.44 फीसदी हो गई है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर महेश व्यास ने कहा कि बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी उतनी बुरी नहीं है, जितनी दिख सकती है. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि क्योंकि इससे पहले श्रम भागीदारी की दर में अच्छी बढ़ोतरी देखी गई है. उनके मुताबिक, यह दिसंबर में बढ़कर 40.48 फीसदी हो गई, जो 12 महीनों में सबसे ज्यादा है.

इससे पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग यानी NSO के नवंबर में जारी डेटा के मुताबिक, शहरी इलाकों में 15 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए बेरोजगारी की दर 9.8 फीसदी से घटकर 7.2 फीसदी पर पहुंच गई है. यह आंकड़ा 30 सितंबर को खत्म हुई तिमाही के लिए है. यह बात पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे यानी कि पीएलएफएस ने बताई है. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे कोरोना वायरस महामारी के बाद स्थिर आर्थिक रिकवरी की ओर संकेत मिलता है, जिसने करोड़ों लोगों को बेरोजगार कर दिया था.

इस सर्वे में पता चलता है कि महिलाओं के बीच शहरी इलाकों में बेरोजगारी की दर जुलाई-सितंबर की अवधि में एक साल पहले के 11.6 फीसदी से घटकर 9.4 फीसदी हो गई है. अप्रैल-जून में यह 9.5 फीसदी रही थी. हालांकि, यह तुलना जुलाई से सितंबर 2021 की अवधि से की गई है, जब देश में कोरोना से संबंधित प्रतिबंधों के बड़े असर की वजह से दरें बढ़ गईं थीं. डेटा के मुताबिक, अप्रैल से जून 2022 के बीच 15 साल से ज्यादा उम्र के लिए बेरोजगारी दर शहरी इलाकों में 7.6 फीसदी थी.

आपको बता दें कि मुंबई में आधारित CMIE के रोजगार के डेटा पर अर्थशास्त्री और नीति बनाने वाले करीब नजर रखते हैं, क्योंकि सरकार अपने खुद के मासिक आंकड़े जारी नहीं करती है.

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